कोरबा। कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत केंदई वन परिक्षेत्र के चोटिया में हाथियों के उत्पात , जनहानि को लेकर मुख्यवनसंरक्षक बिलासपुर एवं वन मंडलाधिकारी कटघोरा ने केंदई रेंज के सुदूर हाथी प्रभावित क्षेत्र कोदवारी, डांगबोरा, खड़पड़ी ग्रामों में भ्रमण कर ग्रामीणों को हाथी से दूरी बनाए रखने समझाइश दी ।

इस दौरान मुख्य वन संरक्षक द्वारा हाथी नियंत्रण कक्ष परला तथा निर्माणाधीन खड़पड़ी का निरीक्षण किया गया।
बता दें की कटघोरा वनमण्डल में बीते लगभग 7 वर्षों से केंदई, एतमा नगर, पसान रेंज में लगभग 45 हाथियों के झुंड ने अपना डेरा जमाए हुए हैं। कटघोरा वन वनमण्डल के जंगल में हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। हाथियों का झुंड लगातार ठिकाना बदल रहा है। ऐसे में ग्रामीणों की परेशानी और भी बढ़ गई है। कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।जानकारी मिली है कि क्षेत्र के जंगल में 45 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। झुंड अब तीन टुकडियों में बंट गया है। गांवों के आसपास चार और गुंजा के पेड़ों में फल लगने के साथ नए पत्ते तैयार हो गए हैं। हाथियों का दल आहार के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच रहे हैं। रेंज में कुल 18 कर्मचारी हाथियों की निगरानी में लगे हुए हैं।
अलग-अलग दल में हाथियों के बंट जाने की वजह से निगरानी करना मुश्किल हो रहा। इधर हाथियों को लेकर ग्रामीणों में जान-माल का भय बना हुआ है। हाथियों के दल ने अब कटघोरा वन मंडल को अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है। वन मंडल पसान, केंदई, एतमा नगर, जड़गा में हाथियों का दल पिछले साल से डेरा जमा रखा है। एक ही स्थान में रहने वाले हाथी अब तीन टुकडियों में बंट गए हैं। पहला दल अभी पसान के जलके बीट में देखा गया हैं। इस दल में 13 हाथी शामिल हैं। दूसरा दल जटगा के कोलपतरा और तीसरा एतमानगर रेंज में देखा गया हैं। दूसरे और तीसरे झुंड केंदई रेंज में क्रमशः 14 और 18 हाथी शामिल हैं।

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