चरित्रवान , गुणवान युवा समाज और देश की नीव है-भगवान भाई

कोरबा कटघोरा10 दिसंबर—
भौतिक शिक्षा से हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन परिवार, समाज, कार्यस्थल में परेशानी या चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते है | युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बनकर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं, परंतु जब उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता | चरित्रवान , गुणवान युवा समाज और देश की नीव है |नैतिक शिक्षा से युवाओं को दिशा मिल सकती है | भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा | नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक शिक्षा ही मानव को ‘मानव’ बनाती है | उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से पधारे हुए बी के भगवान भाई ने कहे | वे संत जेव्हियर्स पब्लिक स्कुल, स्वामी आत्मानंद हायर सेकंडरी स्कुल, बालको , शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बालको युवाओ को सकारात्मक चिंतन और नैतिक शिक्षा से सशक्त युवा विषय पर बोल रहे थे |
भगवान भाई ने कहा की नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व में निखार, व्यवहार में सुधार आता है।नैतिक मूल्यों का ह्रास व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय समस्या का मूल कारण है। समाज सुधार के लिए नैतिक मूल्य जरूरी है।उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा की धारणा से, आंतरिक सशक्तीकरण से इच्छाओं को कम कर भौतिकवाद की आंधी से बचा जा सकता है। व्यक्ति का आचरण उसकी जुबान से ज्यादा तेज बोलता है।
उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में श्रेष्ठ मू्ल्य है तो दूसरे उससे प्रमाणित होते हैं।जीवन में नैतिक मूल्य होंगे तो आदमी लालच, हिंसा, झूठ, कपट का विरोध करेगा और समाज में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा नैतिकता से मनोबल कम होता है।उनहोंने कहा कि मूल्यों की शिक्षा से ही हम जीवन में विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। जब तक हम अपने जीवन में मूल्यों और प्राथमिकता का निर्धारण नहीं करेंगे, अपने लिए आचार संहिता नहीं बनाएंगे तब तक हम चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते।
चाम्पा ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र की संचालिका बी के रचना बहन जी ने कहा कि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है।
डॉ डी के आनंद मनेजर जी ने कहा कि नैतिकता के अंग हैं – सच बोलना, चोरी न करना,अहिंसा, दूसरों के प्रति उदारता, शिष्टता, विनम्रता, सुशीलता आदि। उन्होंने बच्चो को कहा कि ब्रह्माकुमारी द्वारा सुनी हुई बातो का अनुकरण जरुर करे |
प्रिंसिपल श्रीमती लता नारायण पाटिल जी ने कहा कि वर्तमान के समय प्रमाण भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो को नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है ।
बी के कमल कर्माकर जी ने कहा की जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है |
बी के मेघा बहन जी ने ब्रह्माकुमारी सस्था का विस्तार से परिचय भी दिया और कहा मानव जाती को आध्यत्मिकता और नैतिकता द्वारा सही दिशा देने का कार्य ब्रह्माकुमारी द्वारा किया जा रहा है |
श्रीमती मनोकामना पाल जी ने कहा नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है।
प्रिंसिपल श्रीमती इंदु प्रसाद जी ने कहा कि नैतिक शिक्षा के अभाव के कारण ही आज जगत में अनुशासनहीनता बढती जा रही है | उन्होंने ब्रह्माकुमारी के इस नैतिक शिक्षा के अभियान कि सराहना किया और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम हेतु निमन्त्रण भी दिया गया |
कार्यक्रम में रीता मुखर्जी , राखी वाघमारे , रेखा चांदवाने, बी पी वर्मा , आर पी दुबे , प्रधान पाठक आर राय उर्मिला राठोर, बी के श्यामराव भाई और शिक्षक स्टाफ भी उपस्थित थे

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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