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जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता दिवस, सरकार चुनने में कितना जरूरी आपका वोट

नई दिल्ली —  राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को भारत में हर साल मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण दिन इसलिए भी है क्योंकि इसके माध्यम से युवाओं में जागरूकता फैलाई जाती है ताकि वे एक जिम्मेदार व्यक्ति को अपना वोट दे सकें और देश के विकास में भाग ले सकें। मतदाता के पास वह ताकत होती है कि वह सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है, इसलिए कभी भी एक अदद वोट की ताकत को कम नहीं आंकना चाहिये। 

राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को देश में बढ़े नए वोटरों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने और प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि इस दौरान जागरूकता फैलाई जा सके। यह मतदाताओं के बीच चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी भागीदारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है। इस साल दसवां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है। चुनाव में बालिग वोटरों को वोट डालने का अधिकार मिल जाता है।

भारत निर्वाचन आयोग का स्थापना दिवस 

25 जनवरी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का स्थापना दिवस है। आयोग 1950 को अस्तित्व में आया था। इस दिन को पहली बार 2011 में मनाया गया था ताकि युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह वोट के अधिकार और भारत के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है। पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 साल कर दिया गया था। 1998 के साठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता पात्रता की आयु कम कर दी।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व 

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हर नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है। उन्हें अपने नेता का चयन करने का अधिकार है जो देश का नेतृत्व करने में सक्षम हों, आम लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकें, परिवर्तन ला सकें आदि। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भारत में अपना ही महत्व है क्योंकि देश का भविष्य आने वाले नेता के चुनाव में निहित रहता है, इन नेताओं को हम वोट देकर उन्हें चुनते हैं। 

 

क्यों जरूरी है वोट डालना? 

यदि आपके इलाके में चुनाव होने जा रहा है, आपके पास वोटर कार्ड या वोट देने का पूरा अधिकार है और उसके बाद भी आप वोट देने के लिए नहीं जा रहे हैं तो पूरी तरह से गलत है। आप अपने वोट के माध्यम से अपने मनपसंद नेता का चुनाव कर रहे हैं। यदि चुनाव में सही नेता का चयन नहीं होता है तो उसका परिणाम भी आपको ही भुगतना होगा। वो अगले 5 साल के लिए आपके इलाके के लिए उस पद पर रहेगा ही। इसी वजह से युवाओं को चुनाव में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यदि आज सही नेता का चुनाव हो जाएगा तो वो आने वाले समय के लिए बेहतर काम करके जाएगा। 

इस बार की थीम 

इस साल भी राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 मनाया जा रहा है। इसकी थीम है ‘इलेक्टोरल लिटरेसी फॉर स्ट्रांगर डेमोक्रेसी’। इसमें नैतिक मतदान की शपथ, मतदाता प्रेरक भाषण प्रतियोगिता व मतदाता जागरूकता संबंधित विषयों पेंटिग एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। ये प्रतियोगिताएं मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता पर आधारित होंगी। इसके साथ ही नए मतदाताओं को एपिक का वितरण किया गया है।  

एक व्यक्ति एक जगह एक वोट 

चुनाव आयोग किसी व्यक्ति को उस स्थान पर मतदान करने की अनुमति देता है जिस इलाके की मतदाता सूची में उसका नाम हो, आप उसके निर्धारित बूथ पर ही वोट डाल सकते हैं। यदि मतदाता अपना निवास स्थान बदलता है तो उसे चुनाव आयोग को सूचित करना चाहिए। जब व्यक्ति की उम्र 18 साल की हो जाती है तो भारत का संविधान उस नागरिक को मतदान का अधिकार देता है। वोट डालने के लिए वोटर को अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना पड़ता है और वोटर कार्ड बनवाना होता है।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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