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सामान्य प्रशासन विभाग की मेहरबानी से गृह जिला कोरबा में पदस्थ जिला पंचायत सीईओ पर जनपद सीईओ कोरबा को प्रताड़ित करने का लगा गंभीर आरोप ,महकमे में खलबली,कलेक्टर से शिकायत, अब तक कार्यशैली को लेकर आ चुकीं इतनी शिकायतें ,देखें पत्र

कोरबा। जनप्रतिनिधियों से लेकर व्यापारियों की गंभीर शिकायतों के बाद सामान्य प्रशासन विभाग की मेहरबानी से गृह जिले में पदस्थ जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर की प्रताड़ना से अब उनके अधीनस्थ अधिकारी भी परेशान हैं। जनपद सीईओ कोरबा जी .के. मिश्रा ने कलेक्टर को शिकायत कर जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर के द्वारा षड्यंत्र कर अनावश्यक पत्राचार कर मानसिक रूप से उन्हें परेशान करने की गंभीर आरोप लगाकर प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी है।

जनपद सीईओ श्री मिश्रा द्वारा 1 फरवरी को कलेक्टर को किए गए लिखित शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि उन्हें जिला पंचायत सीईओ श्री कंवर के द्वारा विगत 4-5 दिनों से व्यक्तिगत द्वेष रख प्रताड़ित किया जा रहा है । झूठा शिकायत पत्र अपने कार्यालय में तैयार कर जनपद उपाध्यक्ष कोरबा कौशिल्या देवी वैष्णव व जिला पंचायत सदस्य संदीप कंवर के लेटरहेड में शिकायत करवाकर पत्राचार करते हुए अनावश्यक मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। उन्हें 1 फरवरी 2023 को प्रातः 11.40 बजे नोटिस देकर 1 फरवरी 2023 को ही उपस्थित होने जैसे नियम विरुद्ध पत्राचार कर परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने पत्र में आगे उल्लेख किया गया है कि इसी तरह ग्राम पंचायत रजगामार पंचायत की जांच में सचिव के मोबाईल बंद होने पर उन्हें सचिव को उपस्थित करने अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी गई। जबकि ईश्वर धिरहे सचिव रजगामार को भी जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर द्वारा अपने कार्यालय में बुलाकर प्रतिनिधियों के सामने डांटने से वह सचिव अपने घर से विगत 2 दिनों से कहीं चला गया है । उससे किसी भी तरह का संपर्क नहीं हो पा रहा है। मोबाईल भी बंद बता रहा है।
प्रताड़ित जनपद पंचायत सीईओ ने कलेक्टर को शिकायत पत्र में आगे उल्लेख किया है कि जनपद उपाध्यक्ष कोरबा श्रीमती कौशिल्या देवी वैष्णव के विरुद्ध जनपद सदस्यों ने आपके समक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है जिसमें मेरा कोई लेना देना नहीं है। बावजूद इसके कौशिल्या देवी वैष्णव व संदीप कंवर के लेटर पेड से मेरे विरुद्ध शिकायत लिखवाकर उसके द्वारा लिए गए पावती की कॉपी जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर सर के द्वारा नोटिस में चस्पा कर भेजा गया है जो कि सन्देहास्पद है।प्रार्थी जनपद सीईओ श्री अतः उपरोक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए उचित मार्गदर्शन व कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस सीईओ के इस विद्वेष की वजह कार्यालय उप संचालक पंचायत कोरबा में कार्यरत रहे प्रभारी जिला आडिटर जे एस पैकरा के स्थानांतरण को बताया है। बहरहाल जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर से हसदेव एक्सप्रेस ने पूर्व अनुभव (कॉल रिसीव नहीं करना ,मिलने जाने पर घण्टों अनावश्यक इंतजार कराना )को देखते हुए उनका पक्ष लेना मुनासिब नहीं समझा।

इतनी शिकायत फिर भी आखिर क्यों मेहरबान है सामान्य प्रशासन विभाग ?

जिला पंचायत सीईओ कोरबा नूतन कंवर जिले के ग्राम जुनवानी के निवासी हैं। चुनावी वर्ष में गृह जिले में पदस्थ जिला पंचायत सीईओ श्री कंवर की कार्यशैली की शिकायत लिछले 6 माह से हो रही है। 6 सितम्बर 2022 को एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा ने जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर ,उपसंचालक पंचायत सुश्री जुली तिर्की ,एवं तत्कालीन प्रभारी जिला अंकेक्षक (वर्तमान में मूल पद सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी पाली के रूप में सेवारत)जे एस पैकरा की गलत रिपोर्ट न नोटशीट प्रस्तुत कर 128 सचिवों का नियम विरुद्ध स्थानांतरण करने से पंचायतों में बिगड़ी प्रशासनिक व अन्य व्यवस्था को लेकर संबंधितों पर प्रकरण में 1 करोड़ से अधिक के लेनदेन (भ्रष्टाचार )का गम्भीर आरोप लगाते हुए स्थानांतरण किए जाने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। जिसके उपरांत 3 फरवरी को जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने रजगामार पंचायत में नियमानुसार पंचायत की सहमति पर प्रक्रिया अनुसार सामाग्री आपूर्ति करने वाले 40 -45 व्यापारियों को पूछताछ के लिए नोटिस देकर घटों बेवजह इंतजार करवाकर परेशान करने का गंभीर आरोप लगाते हुए हिदायत दी थी। इससे दो दिन पूर्व जनपद सीईओ गोपाल मिश्रा द्वारा जिला पंचायत सीईओ की प्रताड़ना से जुड़ी गम्भीर शिकायतें कलेक्टर को सौंपी गई हैं। यही नहीं विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पत्रकारों के विरुद्ध सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी पाली के रूप में सेवारत जे एस पैकरा को जिला पंचायत एवं उपसंचालक पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों के ऑडिट में व्यय आक्षेपित करोड़ों रूपए की शासकीय धनराशि की समायोजन कर पाने में अक्षमता को लेकर जनहित में समाचार प्रकाशन कर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने वाले पत्रकार के विरुद्ध झूठी शिकायत करवाने में भी इनका प्रश्रय रहा है। बहरहाल इन तमाम शिकायतों की फेहरिस्त आने वाले समय में बढ़ती जाएंगी तो कोई हैरानी नहीं होगी । सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन की प्रश्रय से न केवल संबंधित शासकीय लोक सेवक का मनोबल बढ़ा है वरन वे मातहत अधिकारियों ,व्यापारियों सहित अन्य को परेशान कर रहे हैं ।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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