Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं. ‘चाणक्य नीति’ (Chanakya Niti) आचार्य चाणक्य की नीतियों का संग्रह है, जो आज भी प्रासंगिक है. चाणक्य नीति कहती है कि विद्या अर्जन करना यह एक कामधेनु के समान है, जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है. वह विदेश में माता के समान रक्षक और हितकारी होती है. इसीलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आपका शरीर स्वस्थ है और यह आपके नियंत्रण में है, तो ठीक इसी समय आत्म साक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए. आप भी जानिए चाणक्य नीति की ये महत्वपूर्ण बातें.
आचार्य चाणक्य के अनुसार विद्या अर्जन करना कामधेनु के समान है, जो हर मौसम में हमें अमृत प्रदान करती है. वह विदेश में माता के समान रक्षक और हितकारी होती है. इसीलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है. इसे जरूर प्राप्त करना चाहिए. (प्रतीकात्मक फोटो-Shutterstock.com)
चाणक्य नीति कहती है कि जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चों को पालते हैं. इसी तरह संतजन पुरुषों की संगति मनुष्य का पालन-पोषण करती है. इससे व्यक्ति सुख शांति भरा जीवन व्यतीत करता है. (प्रतीकात्मक फोटो-Shutterstock.com)
आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आपका शरीर स्वस्थ है और यह आपके नियंत्रण में है, तो ठीक इसी समय आत्म साक्षात्कार का उपाय कर लेना चाहिए, क्योंकि मृत्यु हो जाने के बाद कोई कुछ नहीं कर सकता है. जो कुछ है इसी जीवन में है. (प्रतीकात्मक फोटो-Shutterstock.com)
आचार्य चाणक्य का कहना था कि यदि व्यक्ति संकट से उबरने के लिए कुछ तैयारियां पहले से करके रखें तो मुश्किल समय से आसानी से निकला जा सकता है. इसलिए हर शख्स को धन, अन्न आदि को संचय करके रखना चाहिए. बुरे वक्त में ये आपके लिए बहुत मददगार साबित होते हैं. धन को आचार्य चाणक्य ने सच्चा मित्र बताया है. (प्रतीकात्मक फोटो-Shutterstock.com)
आचार्य चाणक्य के अनुसार जब व्यक्ति जीवन के दुख से झुलसता है, तो उसे कुछ खास व्यक्तियों का ही सहारा मिलता है. इनमें एक तो पुत्र और पुत्री हैं. इसके अलावा पत्नी भी साथ नहीं छोड़ती. वहीं भगवान के भक्त भी सहारा बनते हैं.
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