नईदिल्ली I अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान कोरोना संक्रमित होती हैं तो उन्हें प्रसव के तुरंत बाद वैक्सीन लगवाना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य कर्मचारियों और टीकाकरण से जुड़े कर्मियों को वैक्सीन से पहले गर्भवतियों की काउंसलिंग को अनिवार्य बताया है। राज्यों को निर्देश दिए हैं कि सभी टीकाकरण केंद्रों पर इससे जुड़े पोस्टर जारी होने चाहिए ताकि कर्मचारियों को यह पता रहे कि गर्भवती महिलाओं में टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को किस तरह से दूर करना है।
मंत्रालय ने बताया कि टीकाकरण के बाद कोरोना संक्रमण नहीं होने का दावा करना गलत होगा। यह एक भ्रम है। वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो सकता है लेकिन वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद यह जानलेवा नहीं रहेगा। लगभग हर एक से पांच लाख महिलाओं में से किसी एक को वैक्सीन लगने के 20 दिन के भीतर कोई लक्षण मिलता है जिसे तुरंत निदान आवश्यक भी है।
मंत्रालय ने कर्मचारियों से कहा है कि अगर किसी को वैक्सीन देने के बाद कोई परेशानी या लक्षण मिलता है तो उसकी तुरंत जांच करते हुए आगे का उपचार देना जरूरी है लेकिन वैक्सीन लगाने से न सिर्फ गर्भवती महिला बल्कि उनके गर्भ में मौजूद शिशु को भी बचाया जा सकता है।
मंत्रालय ने बताया कि अभी तक भ्रूण या फिर शिशु के लिए वैक्सीन के सुरक्षात्मक प्रभाव नहीं मिले हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं में कोरोना के वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार हैं। इस बारे में किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।
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