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खाली पेट शुगर लेवल 125 लेकिन Hb1ac नॉर्मल; क्या यह डायबिटीज है? मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर से जानें सच्चाई

125: डायबिटीज से पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक विश्व में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. इनमें से 17 प्रतिशत डायबिटीज मरीज भारत से हैं. यानी 8 करोड़ से ज्यादा लोग भारत में डायबिटीज से पीड़ित है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2045 तक 13.5 करोड़ लोग डायबेटिक होंगे. इसलिए भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है. टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान है. ऐसे में थोड़ा सा लक्षण दिखने पर डायबिटीज टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.

125: डायबिटीज से पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक विश्व में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. इनमें से 17 प्रतिशत डायबिटीज मरीज भारत से हैं. यानी 8 करोड़ से ज्यादा लोग भारत में डायबिटीज से पीड़ित है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2045 तक 13.5 करोड़ लोग डायबेटिक होंगे. इसलिए भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा है. टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान है. ऐसे में थोड़ा सा लक्षण दिखने पर डायबिटीज टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.

टेस्ट कराने में कई बार सामान्य लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर यानी खाली पेट शुगर लेवल 125 के पार चला जाता है पर तीन महीने वाला एचबी1एसी टेस्ट नॉर्मल रहता है, तो क्या यह प्री डायबेटिक है या क्या यह डायबिटीज के संकेत है. इस मामले को सुलझाने के लिए न्यूज 18 ने मशहूर एंडोक्रायनोलॉजिस्ट डॉ पारस अग्रवाल से बात की.
पहले खाली पेट शुगर सही चेक करें

मैक्स हेल्थकेयर गुड़गांव में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबिटीज के एक्सपर्ट डॉ पारस अग्रवाल ने बताया कि ऐसे मामले में सबसे पहले हमें यह देखना होगा कि खाली पेट जो टेस्ट लिया गया है वह सही है या नहीं. कई बार टेस्ट सही नहीं होता है. इसकी कई वजहें हो सकती है. मसलन कम नींद, सुबह में देर से टेस्ट कराने के लिए जाना, एक्सरसाइज कर लेना आदि. इसलिए हमें सही जांच करानी चाहिए. जब एक दो बार सही तरीके से जांच कराई जाए और उसमें भी फास्टिंग ब्लड शुगर का लेवल 125 के पार पहुंच जाए तो यह प्री-डायबेटिक संकेत हो सकते हैं या बॉर्डरलाइन डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं.
अगर वास्तविक फास्टिंग शुगर सच में ज्यादा हो

डॉ पारस अग्रवाल ने कहते हैं कि एहतियात के साथ अगर आपने सुबह में फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट कराया और यह 125 से ज्यादा है लेकिन Hb1Ac अब भी नॉर्मल है तो हमें फास्टिंग ब्लड शुगर को सही मानना चाहिए. इसके लिए आप खाना खाने के बाद भी ब्लड शुगर के लेवल की जांच कराएं. यदि खाना खाने के बाद वाला शुगर टेस्ट भी बढ़ा हुआ है, यानी 160 से ज्यादा है तो यह प्री-डायबेटिक कंडीशन हैं. हालांकि मेटाबोलिक मेमरी टेस्ट यानी एचबी1एसी रिपोर्ट नॉर्मल है तो अभी आपको चिंता करने की उतनी जरूरत नहीं है. लेकिन अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास है तो आपको अभी से सतर्क होना होगा क्योंकि आप बॉर्डरलाइन पर हैं और भविष्य में आपको डायबिटीज हो सकता है. इसलिए अभी से आपको परहेज करना होगा.
बॉर्डरलाइन पर आने के बाद कैसे डायबिटीज को होने से रोके

डॉ पारस अग्रवाल ने कहा कि अगर आप डायबिटीज के बॉर्डरलाइन पर हैं तो आपको कई काम अपने डेली रूटीन में शामिल करना होगा. चूंकि डायबिटीज की बीमारी खराब लाइफस्टाइल से संबंधित है, इसलिए अपने लाइफस्टाइल को सही कीजिए. रोजाना एक्सरसाइज, वॉकिंग कीजिए. तनाव न लीजिए. खुद को व्यस्त रखिए और सबसे बड़ी बात कि अपने खान-पान को सुधारिए.

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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