HomeUncategorizedकोरबा में एनएच में फर्जीवाड़ा की खुलेगी फाइल ! ईडी ने कटघोरा...

कोरबा में एनएच में फर्जीवाड़ा की खुलेगी फाइल ! ईडी ने कटघोरा सब रजिस्ट्रार पटवारी को किया तलब

कोरबा । विधानसभा चुनाव पूर्व भ्रष्टाचार को लेकर छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही ईडी (एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट) ने छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक राजस्व अर्जित करने वाले औद्योगिक नगरी कोरबा में कोल स्कैम,डीएमएफ में घोटाले के बाद अब जमीनों के फर्जीवाड़े मामले की परत उधेड़नी शुरू कर दी है । इसी कड़ी में ईडी ने कटघोरा सब रजिस्ट्रार व दो पटवारियों को समन जारी कर तलब किया है। ईडी की जांच से एक बार फिर हड़कम्प मचा है।

गुरुवार को कटघोरा रजिस्टार कार्यालय में दबिश दी। कटघोरा में दोपहर 12 बजे से शुरू हुई कार्रवाई गुरुवार की रात लगभग 10.15 बजे तक जारी रही। ईडी ने कटघोरा के सब रजिस्टार (उप पंजीयक ) से कई घंटे तक जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया के संबंध में पूछताछ की। कार्रवाई में मदद के लिए दो पटवारियों को बुलाया गया । जॉच के बाद ईडी ने रजिस्ट्रार उपपंजीयक सत्यप्रकाश गौराहा व पटवारी जितेंद पटेल को समन जारी कर कार्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया है। बता दें की तहसील कार्यालय में उपपंजीयक कार्यालय में जांच के दौरान ईडी के अफसर पटवारियों से यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि जमीन के बड़े हिस्से को छोटे टुकड़ों में कैसे बांटा जाता है? इसकी रजिस्ट्री कैसे होती है? इसके लिए किन किन दस्तावेजों की जरुरत पड़ती है? इसके अलावा ईडी की ओर से अन्य सवाल भी पूछे गए। इससे दोनों पटवारी डर गए। कार्रवाई के बीच भाग गए थे।
कार्रवाई के दौरान ईडी का सहयोग करने पहुंचे दोनों पटवारियों से पूछा कि किस आधार पर आप ने लिखा कि यह जमीन एचएच के लिए अधिग्रहित नहीं है। इसपर पटवारियों ने एक रजिस्टार कार्यालय से जुड़े एक अफसर का नाम बताया। कहा कि अफसर के कहने पर उनके द्वारा लिखा गया था। इस मसले को लेकर ईडी की टीम दोनों पटवारियों का बयान दर्ज कर रही थी। लेकिन बयान दर्ज करने की प्रक्रिया से पटवारी संतुष्ट नहीं थे। मौका मिलते ही दोनों पटवारी भाग गए।
बताया जाता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पहले राजस्व संहिता की धारा- 6 का प्रकाशन किया गया। कुछ दिन बाद धारा- 4 का प्रकाशन हुआ। इसके साथ ही हाइवे के लिए अधिग्रहित जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लग गई। अधिग्रहित जमीन का खसरा नंबर रजिस्टार कार्यालय को उपलब्ध कराया गया था। मगर रोक के बाद भी कटघोरा क्षेत्र में हाइवे के लिए अधिग्रहित जमीन को टुकड़ों में बांटकर खरीदी बिक्री का काम होता रहा। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के पटवारी ने रजिस्ट्रार कार्यालय को एक प्रतिवेदन दिया। इसमें बताया गया कि उक्त जमीन हाइवे के लिए अधिग्रहित नहीं हुआ है। जबकि वह जमीन हाइवे के लिए अधिग्रहित थी। ऐसा करना सरकारी खजानों को नुकसान पहुंचाना है।
अब देखने वाली बात होगी कि ईडी द्वारा रजिस्ट्रार व पटवारियों से पूछताछ के दौरान क्या मामला सामने आता है और कौन कौन अधिकारी व कर्मचारी ईडी की रडार में आते हैं यह ईडी की पूछताछ में सामने आएगा। फिलहाल कटघोरा रजिस्ट्रार कार्यालय में हुए फर्जीवाड़ा व ईडी की जांच का विषय कटघोरा नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
जन जन की आवाज़

Must Read