जशपुरनगर। जिले के पत्थलगांव वन परिक्षेत्र में तेंदुआ का शिकार करने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। मृत तेंदुए के शव से कुछ महत्वपूर्ण अंग गायब होने की बात भी सामने आ रही है। हालांकि इसकी पुष्टि वनविभाग के अधिकारी अभी नहीं कर रहे हैं। मामला कोतबा चौकी क्षेत्र के पतराटोली की है। जानकारी के मुताबिक इस पंचायत की महिला सरपंच के पति राजन ने वनविभाग को सूचना दी खमगड़ा जलाशय के पिकप वेयर के पास एक तेंदुआ का शव पड़ा हुआ है। सूचना पर जब स्थानीय ग्रामीणों के साथ वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो शातिर शिकारियों ने तेंदुआ के शव को गायब कर दिया था।
मामले की सूचना मिलते ही वनविभाग में हड़कंप मच गया है। डीएफओ एसके जाधव के निर्देश पर पत्थलगांव वनपरिक्षेत्र की रेंजर अनिता साहू और तपकरा वनपरिक्षेत्र के रेंजर अभिनव केसरवानी मौके पर पहुंचे। इस बीच कोतबा चौकी प्रभारी सीपी त्रिपाठी भी दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए। वन विभाग, पुलिस विभाग के कर्मचारी और ग्रामीणों ने मिल कर गायब हुए तेंदुआ के शव की खोज शुरू की। तकरीबन तीन घंटे की मशक्कत के बाद घटना स्थल से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर जंगल के अंदरूनी इलाके में एक गड्ढे से तेंदुआ का शव बरामद किया गया है।
बरामद किए गए शव में मृत तेंदुआ के पैरों में लोहे के तार बंधे हुए पाएं गए हैं। डीएफओ एसके जाधव ने बताया कि इस मामले में दो संदिग्धों को पकड़ा गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। अब तक हुई पूछताछ में संदिग्धों ने जंगली सुअर पकड़ने के लिए फंदा लगाने की बात स्वीकार की है, लेकिन तेंदुआ का शिकार किसने किया है? यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुुताबिक तेंदुए के शव से पूंछ और दांत गायब हैं।
वन्य जीवों के शिकार व तस्करी का खेल हुआ उजागर
जिले के पत्थलगांव वनपरिक्षेत्र में लंबे अर्से से वन्य जीवों के शिकार की चर्चा सुनाई दे रही थी। खासकर, जंगली सुअर को मारने और पकड़ने के लिए करंट प्रवाहित तार बिछाएं जाने की घटनाएं पहले भी हो चुकी है, लेकिन मामला स्थानीय लोगों से जुड़ा होने के कारण कानून के दहलीज तक नहीं पहुंच पाती है। ताजा मामले में भी तेंदुएं का शिकार पूरी योजनाबद तरीके से किया गया है। इतना ही नहीं शिकारियों ने मामला उजागर होने के बाद भी दुसाहस का परिचय देते हुए, तेंदुए के शव को ना केवल गायब किया, बल्कि उसके अंगों को भी गायब कर दिया है।
जाहिर है ऐसे में ओडिशा और रायगढ़ जिले की सीमा से लगे हुए कोतबा क्षेत्र में वन जीवों के अंर्तराज्यी तस्कर गिरोह के सक्रिय होने का अंदेशा जताया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि जिले में इस साल तीन हाथियों की मौत की घटना हो चुकी है। वन्य जीवों के हो रही मौत को लेकर अब प्रदेश में राजनीति भी गरमाने लगी है। विपक्षी दल भाजपा ने इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। ऐसे में कोतबा वनपरिक्षेत्र में हुए तेंदुए के शिकार की घटना को लेकर वनविभाग की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही है।
‘कोतबा के पतराटोली से तेंदुआ का शव बरामद किया गया है। दो संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है। रिपोर्ट के बाद ही अंग गायब होने के दावे की सच्चाई सामने आएगी। अचानकमार से डाग स्क्वायड को बुलाया गया है। जांच जारी है।’
– एसके जाधव, डीएफओ, जशपुर
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