रायपुर, 3 जून। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश के लगभग सभी राज्यों में हुए लॉकडाउन ने पिछले 60 दिनों में भारत के घरेलू व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान पहुंचाया है।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि बेहद गंभीर वित्तीय संकट के चलते देश भर के व्यापारी पहली बार अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने पर विचार कर रहे हैं जिसमें अनेक प्रकार के मासिक एस्टैब्लिशमेंट एवं ओवरहेड खर्चों में कटौती सहित कर्मचारियों की छंटनी करना भी शामिल है।
श्री पारवानी ने बताया कि पिछले वर्ष और इस वर्ष लॉकडाउन के कारण व्यापार में बेहद कमी, मेडिकल खर्चों में अप्रत्याशित वृद्धि और आय के सभी स्रोतों के बंद हो जाने से व्यापारी अब मासिक खर्चों की क्षमता को वहन कर पाने की स्थिति में नहीं है। यदि ऐसा होता है तो यह बेरोजगारी के आंकड़ों में वृद्धि करेगा खासकर जब भारत में खुदरा व्यापार को रोजगार का एकमात्र स्रोत कहा जाता है वहीं यह क्षेत्र भारत में स्वरोजगार करने को सबसे ज्यादा बढ़ावा देता है।
श्री पारवानी ने बताया की देश के अधिकांश राज्यों में कैट की राज्य स्तरीय कमेटी तथा अन्य अनेक प्रदेश स्तरीय प्रमुख व्यापारी संगठनों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पिछले दो महीने में कोरोना के कारण देश के आंतरिक व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ के व्यापार का नुक्सान हुआ है, जो काफी बड़ा नुकसान है। देश में प्रति वर्ष लगभग 115 लाख करोड़ का घरेलू व्यापार होता है। देश में लगभग 8 करोड़ छोटे व्यवसाय हैं जो व्यापारिक गतिविधियों में शामिल हैं जो लगभग 40 करोड़ लोगों को आजीविका देते हैं वहीं दूसरी तरफ विभिन्न अन्य वर्गों के लाखों लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए व्यापारिक समुदाय पर निर्भर हैं।
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