छत्तीसगढ़/कोरबा :- हमारे देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य रहा है कि मीडिया जो देश का चौथा स्तंभ कहा जाता है उसे केवल राजनीतिक पार्टियां या सरकारें केवल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने या फिर यूं कहें सत्ता के गलियारों से सत्ता की कुर्सी हासिल करने के लिए यूज करती हैं, यही पत्रकार जो रात दिन मेहनत कर सरकार बनाने से लेकर उनके कार्यों के क्रियान्वयन और राजनीतिक उथल-पुथल से लेकर सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनता के बीच अपने समाचार के माध्यम से पहुंचाता है जिसका जनता लाभ उठाती है लेकिन जब पत्रकार को विज्ञापन स्वरूप छोटा सा लाभ देने की बारी आती है तो शासन-प्रशासन नेता सभी हाथ खड़ा कर लेते हैं जबकि सरकार जनता के बीच करोड़ों अरबों खरबों का शिलान्यास करने की घोषणा कर वाहवाही जीती है जिसका प्रसारण पत्रकार अपना दायित्व समझ कर प्रमुखता से समाचारों में करते हैं चाहे कुछ मिले या ना मिले,
29 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
13 खराब 3 अरब 56 करोड़ से अधिक विकास कार्यों की सौगात देने कोरबा आ रहे मुख्यमंत्री का पत्रकारों के लिए खजाना खाली हैं, जबकि मुख्यमंत्री 12915 करोड़ की अनुमानित लागत के नवीन सुपरक्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना का करेंगे शिलान्यास,
325 करोड़ लागत की शासकीय मेडिकल कॉलेज का करेंगे लोकार्पण,
112 करोड़ 13 लाख से अधिक राशि के 72 विभिन्न विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास
यह इतने बड़े प्रोजेक्ट के रकम की घोषणा है कि अगर इतनी रकम ट्रकों में भरा जाए तो शायद कई ट्रक लगेंगे,
रही बात विकास की तो कोरबा जिले में कई अरब रुपए का डीएमएफ फंड हैं, ऐसे ही अरबों रुपए का सीएसआर फंड है, जिले में एशिया की सबसे बड़ी गेवरा कोयला खदान सहित कई कोयला खदानें हैं कई पावर प्लांट है जो विदेशों को रोशन करते हैं कई छोटे-बड़े उद्योग हैं बावजूद इसके पत्रकारों के लिए खजाना खाली होना कहीं ना कहीं सरकार के नियत पर सवाल खड़ा करता है, और ईडी के लगातार छापेमारी से हो रहे खुलासे कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है अब ऐसे में करोड़ों अरबों खरबों रुपए के विकास के कार्य केवल चुनावी घोषणाओं और कागजों में ना रह जाएं और जनता के विकास में कुछ हाथ ना लगे ।
जन जन की आवाज़