चाणक्य ने नीति शास्त्र (chanakya Niti) में कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया है जिनका ध्यान रख कर सफल जीवन व्यतीत किया जा सकता है.
दूसरों को सम्मान देने की आदत
चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कहा कि हर व्यक्ति मान-सम्मान चाहता है. समाज में मान-सम्मान हासिल करने के लिए व्यक्ति कई प्रकार के जतन करता है लेकिन समाज में आदर मिले यह जरूरी नहीं है. चाणक्य कहते हैं कि सम्मान लेने से पहले दूसरों को सम्मान देने की आदत डालनी चाहिए. हर व्यक्ति को दूसरों को सम्मान की निगाह से देखना चाहिए. सम्मान मांगने से नहीं बल्कि देने से मिलता है.
स्वार्थ के लिए न बदलें स्वभाव
चाणक्य कहते हैं कि लाभ या स्वार्थ के लिए व्यक्ति को कभी अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए. विनम्र स्वभाव और अच्छे आचरण वाले व्यक्तियों को मान-सम्मान मिलता है. अपने स्वार्थ और लाभ के लिए अनुशासन को नहीं भूलना चाहिए. स्वार्थी व्यक्ति को समाज में अपमान का सामना करना पड़ सकता है. मानव हित में किए गए कार्यों से मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है.
विनम्र स्वभाव एवं आचरण
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति का स्वभाव हमेशा विनम्र होना चाहिए. विनम्र व्यक्ति क्रोध से दूर रहता है और उसे समाज में भी मान-सम्मान मिलता है. चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति धैर्य से साथ काम करता है, उसे सफलता प्राप्त होती है. विनम्रता के सामने दुश्मन भी झुक जाते हैं. जिस व्यक्ति के स्वभाव में विनम्रता का गुण होता है वह सफलता हासिल करने में सक्षम होता है.
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