Chanakya Niti: जीवन की हर राह को आसाना बना देते हैं ये लोग, भूलकर भी न करें ये चार काम

आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में न केवल राजनीति और आर्थिक विषयों पर उल्लेख किया है बल्कि जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है। चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी विषयों को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था। आचार्य चाणक्य की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्व विख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है।

आचार्य चाणक्य की नीतियों को लेकर हर इंसान की अलग सोच और पहलू हैं। जीवन की सच्चाई बयां करती ये नीतियां लोगों को कठोर लगती हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में बताई गई नीतियों में से एक नीति अपनों के लिए है। चाणक्य के अनुसान परिजन, मित्र, मूर्ख और गुरु से कभी बैर नही करनी चाहिए।

 

जीवन के आधार परिजनों से 

चाणक्य के अनुसार परिजन जीनव का आधार होते हैं, ऐसे में अगर इनसे विवाद हो जाए तो जीवनभर पछतावा हो सकता है। मां-बाप ही हमें अच्छे बुरे की समझ बताते हैं। ऐसे में इनसे झगड़ने के बाद आप सही गलत में अंतर नहीं कर पाते हैं और कई बार गलत संगति का साथ पकड़ लेते हैं।

दोस्त से बड़ा कोई नहीं
माना जाता है एक सच्चा दोस्त आपका हर परिस्थिति में साथ देता है और आपको जीवन की हर सच से रूबरू कराता है। ऐसे में अगर आप इनसे लड़ते हैं तो आप एक भरोसेमंद रिश्ते को खो देते हैं और आपको इसका जीवन भर पछतावा होता है।

 

गुरु से मिलता है जीवन का मार्गदर्शन
नीति कहती है कि गुरु वो होता है जो हमें जीवन में मार्गदर्शन दिखाता है। वो हमें जीवन में अच्छाई और बुराई का ज्ञान देता है। हमें अच्छी सीख देता है ऐसे में अगर आप इनसे विवाद कर लेते हैं तो आप आप गुरु कृपा से बेखबर हो जाते हैं। जीवन में ज्ञान के बिना कुछ नहीं है। ज्ञान गुरु से है।

मूर्ख व्यक्ति भूलकर न करे विवाद
आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार किसी मूर्ख व्यक्ति से विवाद नहीं करना चाहिए ये आपका समय तो बर्बाद करता ही है। ऐसे में ये आपकी शांति भी छीन लेता है, क्योंकि ऐसे इंसान को समझाने का मतलब भैंस के आगे बीन बजाना होता है। इसके साथ ही वो आपकी छवि पर भी असर पड़ सकता है।