जशपुर । आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन से लेकर मॉनिटरिंग में ढिलाई बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों की खैर नहीं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कलेक्टर डॉ.,रवि मित्तल ने बैठक लेकर दो टूक लहजे में जिम्मेदारी पूर्वक कर्तव्य निर्वहन किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कुनकुरी विकासखण्ड के परियोजना केराडीह अंतर्गत् नारायणपुर के सेक्टर सुपरवाईजर रोजमेरी, मनोरा विकासखण्ड के आस्ता सुपरवाईजर जेन केरकेट्टा, बगीचा विकासखण्ड के सीडीपीओ बैजन्ती पैंकरा, कुनकुरी विकासखण्ड के बोड़ोकछार लोधमा सेक्टर सुपरवाईजर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इनके द्वारा समीक्षा बैठक में कुपोषण के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। कलेक्टर के तल्ख तेवर से हड़कम्प मचा है । वहीं संचालित योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में कसावट भी आएगी।
कार्यकर्ता डॉ. रवि मित्तल ने कलेक्टोरेट सभाक्षक में महिला बाल विकास के सीडीपीओ और पर्यवेक्षकों की समीक्षा बैठक लेकर कुपोषण, पोषण वाटिका, गर्भवती माताओं और बच्चों को टीकाकरण, चिरायु टीम द्वारा बच्चों का चिन्हांकन, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व योजना सहित अन्य योजना की विस्तार से समीक्षा की। इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अरूण पाण्डेय उपस्थित थे।
कलेक्टर ने सभी सेक्टर सुपरवाईजरों को अपने-अपने आंगनबड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करके आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं साथ ही कुपोषित बच्चों का वजन करके ग्रोथ चार्ट अपडेट करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सभी सेक्टर सुपरवाईजर और पर्यवेक्षक अपने-अपने आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करके स्वास्थ्य समिति की भी बैठक लेगें और जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कुपोषण को दूर करने के उपाय, पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी देगें। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में सभी अपने-अपने सेक्टर में स्वास्थ्य समिति में की गई चर्चा का प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगें।
कलेक्टर ने लापरवाही बरतने वाले सेक्टर सुपरवाईजर और पर्यवेक्षक पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है।
कुपोषण नियंत्रण के प्रयास नाकाफी ,कलेक्टर नाराज ,बोले-50 चिन्हांकित गांव का जिला स्तरीय अधिकारी भ्रमण कर फीडबैक देंगे
साथ ही कुपोषण को दूर करने के लिए विशेष प्रयास नहीं करने पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की है।
कलेक्टर ने कहा कि जिले के 50 चिन्हांकित गांव का जिला स्तरीय अधिकारी भ्रमण करके वहॉ के पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधियों और पालकों से चर्चा करके कुपोषण को दूर करने के संबंध में जानकारी देगें और बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए भी समझाईश दी जाएगी। उन्होंने बगीचा और सन्ना क्षेत्रों में सेक्टर सुपरवाईजर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि क्षेत्र के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर परिवार के बच्चों को योजना का अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके।
विद्युत विभाग को चिन्हांकित आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश,कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती करने पर जोर
कलेक्टर ने विद्युत विभाग को चिन्हांकित आंगनबाड़ी केन्द्र में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका बनाने और गांव में भी गृह भेंट करके लोगों को बाड़ी में पौष्टिक आहार के लिए हरी साग-सब्जियॉ लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। गांव के कुपोषित बच्चों को एनआरसी केन्द्र में भर्ती करके सुपोषित करवाने के लिए कहा है और चिरायु टीम गांव में भ्रमण करती है तो कटे-फटे होट वाले बच्चे, हदय रोग से ग्रस्ति बच्चे, सिकल सेल के मरीजों, दिव्यांग बच्चे, एनिमीक बच्चे की भी जानकारी देने के निर्देश दिए हैं ताकि इन बच्चों का ईलाज कराया जा सके।समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने सभी विकासखण्डों के चिन्हांकित कुपोषित बच्चे और कुपोषण से सुपोषित हुए बच्चों की भी जानकारी ली। सभी पर्यवेक्षकों को ग्रोथ चार्ट में सही जानकारी अपडेट करके ही भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी जानकारी भेजने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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