सिरसा: लड़कियां लड़कों से अब कम नहीं। ये सिर्फ कहावत या किसी के द्वारा कहीं गई बात नहीं है, बल्कि बिल्कुल सच है। आज से काम लड़कों करते हैं उनकी बराबरी से लड़कियां भी अपनी पहचान बना रही हैॆ। अब तो लड़कियां उनसे आगे भी निकल रही हैं। बॉलीवुड मूवी दंगल को डायलॉग ‘म्हारी छोरियां, छोरों से कम है के’, तो भईया बिल्कुल सही बात है। ऐसे में इसे साबित करती है हरियाणा की बेटी। हरियाणा में कुछ बेटियों ने अपने लिए ऐसा भविष्य चुना है और उनसे खुद का साबित किया है कि वो पुरूषों से कम नहीं हैं। सिरसा की बेटी शैफाली हरियाणा रोडवेज में बस कंडक्टर थी किसी समय। आज वो अपनी शादी में हेलीकॉप्टर की डोली में विदा हुई है।
बेटी की खूब सराहना
मिसाल बनाने वाली हरियाणा की पहली महिला बस परिचालक बनीं और बसों में टिकट देती नजर आई। फिर इसके बाद से ही वे सुर्खियों में आ गई और लोग देश की इस बेटी की खूब सराहना कर रहे हैं। फोटो-सोशल मीडिया
ऐसे में वह अब फिर से चर्चा में बनी हुई हैं। ये हाथ में थैला लिए साधारण वेशभूषा में हरियाणा रोडवेज की बसों में टिकट काटने वाली शैफाली दुल्हन के जोड़े में दिखाई दी। और तो और वह हेलीकाप्टर में अपने सपने के राजकुमार के साथ विदा हुईं।
दूल्हे को देखने के लिए लोगाें का तांता
राज्य के सिरसा जिले के एचएसवीपी सेक्टर में रहने वाले पवन मांडा की बेटी शैफाली दुल्हन बनकर अपने पति सचिन सहारण के साथ हेलीकॉप्टर से विदा हुईं। इस मौके पर दुल्हन और दूल्हे को देखने के लिए लोगाें का तांता लग गया।
बता दें, परिवार में चार पीढिय़ों से कोई बेटी नहीं जन्मी थी। जब शैफाली पैदा हुई तो परिवार ने खूब नाजों और प्यार से पाला है। उसके पिता के साथ साथ चाचा प्रवीण मांडा व राजवीर मांडा ने शैफाली की शादी को यादगार बनाते हुए उसे हेलीकाप्टर में बैठाकर विदाई दी।
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