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स्कूल शिक्षा विभाग के 366 करोड़ के डायरी कांड का पर्दाफाश, जानिए किसने रची थी साजिश

रायपुर: स्कूल शिक्षा विभाग के 366 करोड़ के डायरी कांड का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने इस मामले में रिटायर जिला शिक्षा अधिकारी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पता चला है, डीईओ स्कूल एजुकेशन विभाग के कुछ अफसरों से रंजिश रखता था, इसलिए उन्हें बदनाम करने फर्जी डायरी को अंजाम दिया। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में कबूल कर लिया है कि डायरी पूरी तरह फर्जी है और उसे उसके साथ दो और लोगों ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है। ज्ञातव्य है, कल स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ0 प्रेम साय सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर मामले की जांच करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने कल जांच तेज की और देर शाम तक तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में नवा रायपुर के राखी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया था।

दरअसल शिक्षा विभाग में एक कथित डायरी के माध्यम से पदस्थापना के नाम पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया जा रहा था। लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के हस्ताक्षर युक्त फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे और सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात को प्रचारित किया जा रहा था कि शिक्षकों (Alleged Diary in CG) के पदस्थापना में लेनदेन की गयी है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ० प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शुक्रवार को CM भूपेश बघेल से डायरी के संबंध में मुलाकात की थी। मंत्री टेकाम ने शिक्षा विभाग की कथित डायरी को लेकर आ रही खबरों पर संज्ञान में लेते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की थी। उन्होंने सीएम भूपेश से कहा था कि इस फर्जी शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षा विभाग और इसके अधिकारियों की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।

गौरतलब है कि उप संचालक चावरे ने अपने बयान में कहा था कि विगत दो माह से अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनके नाम, पदनाम और सील का छद्म उपयोग कर फर्जी शिकायत पत्र तैयार किया जा रहा है और इसे जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न संस्थानों को भेजा जा रहा है। उप संचालक के अनुसार लेनदेन से संबंधित आरोपों वाले शिकायती पत्र में उनके जाली हस्ताक्षर (Alleged Diary in CG) का इस्तेमाल किया गया है और इसके माध्यम से उनकी तथा विभाग की छवि खराब करने की कोशिश की गयी है। इसको लेकर उप संचालक चावरे ने अपनी शिकायत राखी पुलिस थाने में की थी। शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए राखी पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली जिसके बाद अब मुख्य साजिशकर्ता पुलिस की गिरफ्त में है।

भाजपा ने मचाया था बवाल: SIT गठित कर की जाये जांच – कौशिक

कथित डायरी (Alleged Diary in CG) को लेकर विपक्षी दल ने राज्य सरकार पर हमला बोला था। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगते हुए कहा था कि शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश आखिरकार हो ही गया है। उन्होंने कहा था कि कथित डायरी में बड़े साहब को करोड़ों रुपए पहुंचाने की बात कही गई है, जिसमें ट्रांसफर, नियुक्ति और पोस्टिंग का उल्लेख सीधे तौर पर किया गया है। कथित डायरी को यदि सही माना जाए तो शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार दिखाई देने लगा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कहा था कि 5 विधायकों ने जो आरोप शिक्षा मंत्री पर लगाये थे वह सत्य साबित हो रहा है। 336 व 69 पेज की कथित डायरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार छोटे-मोट भ्रष्टाचारों पर विश्वास नहीं रखती है। 366 करोड़ का लेने-देन तो सिर्फ एक अधिकारी के डायरी में है ऐसी कई डायरियां अभी सामने आने वाली है तथा शीघ्र ही इसे सबके माध्यम से सामने लाया जावेगा। उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व भ्रष्टाचार का यह अद्वित्तीय नमूना है, जिसमें प्रदेश के भोले-भाले शिक्षकों से भारी राशि अवैध रूप से ली गई, और डायरी में बडे सिलसिलेवार तरीके से एक-एक व्यक्ति जिससे राशि ली गई व जिसे दी गई है इसका विवरण बताता है कि कांग्रेस सरकार कितनी भ्रष्ट है। उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि इस मामले पर एसआईटी गठन कर तत्काल जांच करें, ताकि मामले का पूरा पर्दाफाश हो सके। उन्होंने कहा की जांच बिंदुवार होनी चाहिए जिससे दोषी व्यक्ति को सजा मिल सके। साथ ही कौशिक ने कहा की मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल शिक्षा मंत्री को उनके पद से बर्खास्त करना चाहिये।

जिसके नाम की डायरी उसे ख़बर ही नहीं

जिस डायरी पर बवाल मचा हुआ है उसके मुताबिक शिक्षा विभाग में 366 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। विपक्ष इस डायरी को लेकर शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांग रहा है, वहीं इस बीच शुक्रवार को शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। उन्होंने सीएम से मिलकर इस मामले को फर्जी और सरकार को बदनाम करने की सााजिश बताया था। साथ ही उन्होंने इस तरह फर्जी डायरी बनाने वालों के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की मांग की थी। शिक्षा मंत्री ने साफ-साफ कहा था कि शिक्षा विभाग में फर्जी डायरी बनी है। जिसके नाम से डायरी बनी है उसने भी शिकायत से इनकार किया है। डायरी में कोई तथ्य नहीं है। यह केवल सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। साथ ही शिक्षा मंत्री ने इस साजिश के पीछे राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा का हाथ बताया था। उन्होंने कहा कि कहीं कोई लेनदेन नहीं हुआ है, यह सब फर्जी डायरी है। 

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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