शिक्षाविदों से सलाह के बगैर नया सेटअप लागू किये जाने का हो रहा था विरोध
नए सेटअप का प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक बच्चों पर पड़ता विपरीत प्रभाव
संस्कृत भाषा के व्याख्याता का पद अधिकतर स्कूलों में हो जाता समाप्त
पेण्ड्रा / स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नए शिक्षण सत्र से प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक नया सेटअप लागू किया जाने वाला था लेकिन प्रदेश के सभी शिक्षक संगठनों के द्वारा इसका विरोध किए जाने के बाद 13 मई शुक्रवार को डीपीआई ने उपरोक्त आदेश निरस्त कर पुराना सेटअप यथावत रखा है। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस संबंध में 12 मई को स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम को ज्ञापन सौंपकर नए सेटअप का विरोध करते हुए उन्हें अवगत कराया था कि शिक्षाविदों से सलाह लिए बगैर बिना किसी वैज्ञानिक आधार के जो नया सेटअप लागू किया जा रहा है उससे स्कूली छात्रों के पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। शिक्षक संगठनों के उपरोक्त तर्क को शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से लिया था जिसके बाद नया सेटअप को निरस्त कर दिया गया है। शासन के इस निर्णय का सभी शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है।
संचालक लोक शिक्षण (डीपीआई) ने स्कूल शिक्षा विभाग में नया सेटअप लागू करने का जो प्रस्ताव जारी किया था उसका पूरे प्रदेश के शिक्षक संगठनों के भारी विरोध किया था। इस सेटअप के अनुसार प्राइमरी स्कूल में 95 बच्चों की दर्ज संख्या पर एक प्रधान पाठक एवं मात्र 2 सहायक शिक्षक रखने का प्रावधान था जबकि उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के लिए कम से कम 5 सहायक शिक्षक होने चाहिए। इसी तरह से मिडिल स्कूल में 30 बच्चों की दर्ज संख्या में प्रधान पाठक का पद समाप्त करने का प्रस्ताव था जबकि प्रधान पाठक संस्था प्रमुख का पद होता है और संस्था प्रमुख के बिना किसी भी संस्था का संचालन नियमानुसार सही नहीं हो सकता। इसी तरह से हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में संस्कृत एवं वाणिज्य विषय के व्याख्याता के पदों को दर्ज संख्या के अनुपात में खत्म करने का प्रावधान भी नए सेटअप में था जिसके कारण इस सेटअप का बहुत अधिक विरोध हो रहा था क्योंकि संस्कृत भाषा भारत देश की प्राचीन भाषा है जिस भाषा के संरक्षण की आवश्यकता है लेकिन संस्कृत भाषा के व्याख्याता के पद को समाप्त किया जाने का प्रस्ताव एक जनविरोधी निर्णय के समान था। इन्हीं सभी कारणों से उपरोक्त नए सेटअप का विरोध सभी शिक्षक संगठन कर रहे थे। उपरोक्त सेटअप में खामियां होने का एक सबसे प्रमुख कारण यह भी था कि इस सेटअप को बनाने से पहले शिक्षाविदों की समिति बनाकर उनकी उनसे सलाह नहीं लिया गया बल्कि वित्त विभाग के प्रस्ताव पर यह सेटअप बनाया गया था। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह के निर्देश पर उपरोक्त नए सेटअप को निरस्त करने का आदेश डीपीआई के द्वारा जारी कर दिए जाने के बाद सभी शिक्षकों में हर्ष है। जिला गौरेला -पेण्ड्रा-मरवाही के छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मुकेश कोरी, शिक्षक नेता सत्यनारायण जायसवाल, फेडरेशन के जिला संरक्षक जितेंद्र शुक्ला, अंशदाई पेंशन कल्याण कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष पीयूष गुप्ता, शरद ताम्रकार, प्रभाकर सिंह, उषा शर्मा, बलराम तिवारी, आरएन चंद्रा, मंजुला मल्होत्रा, वाय पद्मामूर्ति, मीना शर्मा, अनिल राय, विनय कुमार दुबे, अजय शुक्ल, घनश्याम सिंह, बलराम सिंह, आरएल मनहर, जीबीएस चौहान, एमपी शुक्ल, अमिताभ चटर्जी, आधार सिंह, प्रमोद पांडेय, विजेंद्र सिंह, फैजान सिद्दीकी, मनोज तिवारी, रोत्तम लाल पाव,सुनील शुक्ला इत्यादि ने पुराने सेटअप को बहाल रखने के निर्णय का स्वागत किया है।
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