चंडीगढ़ I पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाईकमान के दबाव के आगे झुकते हुए भले ही नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का प्रधान बनाए जाने पर सहमति दे दी है लेकिन सिद्धू के प्रति उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई है।
हरीश रावत से मुलाकात के दौरान कैप्टन ने हाईकमान के फैसले को मंजूर कर लिया लेकिन साथ ही कह दिया कि जब तक सिद्धू सार्वजनिक तौर पर उनसे माफी नहीं मांगेंगे, वह सिद्धू से बात नहीं करेंगे।
पता चला है कि सिसवां फार्म हाउस पर बातचीत के दौरान हरीश रावत ने जब कैप्टन से आग्रह किया कि वे सिद्धू से मिलकर पुरानी बातों और मनमुटाव को खत्म करें तो कैप्टन ने रावत से दो-टूक कह दिया कि वे सिद्धू से नहीं मिलेंगे।कैप्टन ने कहा कि सिद्धू ने उनके खिलाफ हाल के दिनों में सार्वजनिक तौर पर बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं और सोशल मीडिया पर भी उनके खिलाफ बहुत कुछ अभद्र लिखा है, जिसने उन्हें आहत किया है।जानकारी के अनुसार कैप्टन ने हरीश रावत को साफ कर दिया कि सिद्धू पहले आकर अपनी टिप्पणियों के लिए उनसे माफी मांगें, उसके बाद ही उनसे कोई बातचीत संभव होगी।
हाईकमान के दबाव से नाराज हैं कैप्टन
यह भी पता चला है कि रावत के साथ मुलाकात के दौरान कैप्टन ने उन्हें बातों-बातों में साफ कर दिया कि भले ही उन्होंने हाईकमान की हर बात मान ली है, लेकिन सिद्धू का मामला हाईकमान द्वारा सही ढंग से नहीं निपटाया गया।कैप्टन ने सिद्धू को प्रधान के तौर पर तो स्वीकार कर लिया है लेकिन उनके साथ वे कोई बातचीत करने को तैयार नहीं हैं। कैप्टन ने रावत से यह भी कहा है कि वे उनकी इस शर्त को हाईकमान तक पहुंचा दें।उधर, कैप्टन के इस नए रुख से रावत पसोपेश में हैं। एक ओर तो वे कैप्टन-सिद्धू के बीच सुलह कराकर पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने का श्रेय लेने की तैयारी कर रहे थे, वहीं कैप्टन ने सिद्धू के प्रति अपनी नाराजगी जताकर गेंद को फिर से रावत के पाले में डाल दिया है जो सिद्धू को लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी देने के पक्षधर रहे और अपने पंजाब प्रवास के हर मौके पर सिद्धू से मिलते भी रहे हैं। अब रावत के लिए जरूरी हो गया है कि वे सिद्धू को कैप्टन की नाराजगी दूर करने के लिए मनाएं, ताकि झगड़ा खत्म हो सके।
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