कटघोरा, विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित किए गए गोंडवाना भवन में कार्यक्रम में, समाज के विभिन्न अधिकारी और कर्मचारी शामिल होने के बावजूद, इस बार पाली तानाखार क्षेत्र के आदिवासियों की उपस्थिति नहीं दिखाई दी। इसके लिए वीडियो को देखने के लिए क्लिक करें।
कार्यक्रम का मुख्य आयोजक रामप्रसाद कोराम, कटघोरा ब्लॉक के समाज सेवी, ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसके द्वारा समाज में फैली अवस्था के बारे में सोचकर आदिवासी संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से मंचस्व पदाधिकारियों ने समाजिक संरचना के विचार पर उद्बोधन किया।
श्री कोराम ने बताया कि कटघोरा के कस्तूरबा आश्रम और अन्य छात्रावासों में आदिवासी बच्चों के प्रति शिक्षा संस्थानों के अधीक्षक द्वारा किये जाने वाले दुर्व्यवहार के मामले सामने आए हैं। इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की जाएगी।
आईए, देखें कि समाज के लोगों ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम पर क्या कहा:
– एक प्रमुख समाज सेवी ने कहा, “यह कार्यक्रम हमें समाज में विकास के लिए साथ मिलकर काम करने का संकेत देता है। आदिवासी संस्कृति को बचाने और समाज में उनकी भूमिका को मजबूती से स्थापित करने के लिए हमें साथी बनना होगा।”
– एक युवा आदिवासी ने कहा, “हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व होना चाहिए। यह कार्यक्रम हमें एक-दूसरे के साथ जुड़कर समाज में बदलाव लाने का अवसर प्रदान करता है।”
– एक स्थानीय शिक्षक ने कहा, “शिक्षा के माध्यम से ही हम आदिवासी समुदाय को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें आदिवासी बच्चों की शिक्षा में सुधार करने का संकेत मिलता है.”
इस प्रकार, विश्व आदिवासी दिवस पर कटघोरा शक्तिपीठ में आयोजित किए गए बृहद कार्यक्रम ने समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों के बीच सजीव विचार एवं सहभागिता की महत्वपूर्णता को प्रकट किया। यह कार्यक्रम समाज में सशक्त,
आदीदिवासी समुदाय की स्थापना को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
जन जन की आवाज़