आजकल युवाओं के बीच शराब पीने का एक चलन सा चल पड़ा है. कुछ युवा शौक तो कुछ स्टाइल के लिए शराब को पीते हैं. शराब एक नशीला पदार्थ है, जिसको एक प्रकार का अवसाद भी माना जाता है. शराब शरीर में रहती तो कम वक्त के लिए है लेकिन इसका असर काफी समय तक रहता है. जब शराब पीते हैं तो ये आपके रक्तप्रवाह में प्रवेश करती है, तो ये धीरे धीरे पूरे शरीर में पहुंच जाती है.
अल्कोहल को मेटाबॉलाइज्ड करने में लगभग दो घंटे लगतें हैं. ऐसे में आइए जानते है शराब के सेवन के कितने समय बाद तक ये शरीर में रहता है और इससे क्या असर पड़ता है.
शराब के प्रभाव को कम होने में कितना समय लगता है?
अल्कोहल को पचाने की भी एक चयापचय दर स्थिर होती है, लेकिन कुछ लोग लंबे समय तक अल्कोहल से प्रभाव रहते हैं. ये इस कारण से होता है क्योंकि हर किसी के अंदर रक्त अल्कोहल सांद्रता अलग अलग होती है. यदि किसी एक के अंदर अल्कोहल का स्तर 20 mg/dL है, तो अल्कोहल प्रत्येक व्यक्ति में लगभग एक घंटे में चयापचय हो जाएगी, लेकिन बीएसी बहुत अलग हो सकते हैं.
अल्कोहल ड्रिंक मेटाबॉलाइज्ड करने का समय होता है कि शराब का छोटा शॉट – एक घंटे एक पिंट बीयर – 2 घंटे एक बड़ी गिलास वाइन -3 घंटे कुछ बड़ी मात्रा में ड्रिंक्स – कुछ घंटे
शराब के प्रभाव को कम करने में मदद के लिए आप कुछ कदम उठा सकते हैं, जैसे भोजन आपके शरीर में शराब को अवशोषित करने में मदद कर सकता है. पानी आपके बीएसी को कम करने में मदद करता है. कॉफी, एनर्जी ड्रिंक या अन्य पेय पदार्थ नशा को जल्दी कम करते हैं.
अल्कोहल का चयापचय कैसे होता है?
जब भी आप अल्कोहल का सेवन करते हैं तो यह सबसे पहले पाचन तंत्र में भी प्रवेश करती है. आपको बता दें किशराब भोजन और अन्य पेय की तरह पचती नहीं है. हालांकि शराब का करीब 20 प्रतिशत अल्कोहल सीधे रक्त में जाता है, जहां से ये आपके मस्तिष्क पहुंचता है. बाकी बचा हुआ शेष 80 प्रतिशत आतों में रह जाता है. जो लीवर पर भी असर करता है.
आज के वक्त में आप शराब पीने के 80 घंटे बाद यूरिन टेस्ट से शराब पीने का समय मालूम कर सकते हैं. सांस परीक्षण से आप करीब 24 घंटे के अंदर शराब पीने का समय पता कर सकते हैं. अगर आप शराब पीकर स्तनपान कराती हैं, तो ऐसा नहीं करना चाहिए.जहां तक हो ड्रिंग के पहले ही फीड करवाएं.
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