चेन्नई/भिलाई। वैक्सीन लगवाने पर मिलेगा, स्कूटी, फ्रिज समेत कई महंगे गिफ्ट, इस गांव में शुरू की गई लकी ड्रा स्कीम।
मछुआरों के एक गांव में टीकाकरण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए बिरयानी और मुफ्त में उपहार देने की लकी ड्रा स्कीम शुरू की गई। एनजीओ का कहना है कि उसकी ये स्कीम काम कर रही है. गांव में वैक्सीन लगवाने की संख्या में वृद्धि हुई है। मछुआरा गांव कोवलम की आबादी 14,300 है, जिनमें से 6,400 लोग 18 साल से अधिक उम्र के हैं। एसटीएस फाउंडेशन चलाने वाले सुंदर के अनुसार, यहां दो महीनों में केवल 58 लोगों को टीका लगाया जा सका। ऐसे में फाउंडेशन के साथ समुदाय के जागरूक लोग एक साथ आए और वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट को दूर करने की योजना तैयार की।
एसएन रामदास फाउंडेशन, एसटीएस फाउंडेशन और चिराज ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने एक साथ आकर वैक्सीन डोज लेने पर मुफ्त भोजन का ऑफर कर लोगों को आकर्षित करने का फैसला किया। एसटीएस फाउंडेशन के ट्रस्टी सुंदर ने कहा, “पिछले तीन दिनों में हमने 345 लोगों का टीकाकरण किया है और लकी ड्रॉ की योजना ने बहुत से लोगों को आकर्षित किया है। वे बिरयानी और लकी ड्रा के लिए वैक्सीन लेने के लिए आगे आ रहे हैं। इसे और अधिक लुभावना बनाने के लिए, टीम ने एक वीकली लकी ड्रा बनाया है, जिसमें मुफ़्त उपहार के तौर पर मिक्सी, ग्राइंडर और सोने के सिक्के देने का फैसला लिया गया। एक बम्पर ड्रॉ भी है जहां विजेताओं के लिए रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और यहां तक कि एक स्कूटर भी इनाम में देने का प्लान है।
रामदास फाउंडेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले गौतम रामदास ने कहा कि हमारा लक्ष्य कोवलम गांव को कोविड मुक्त बनाना है. लगभग 7,000 लोग हैं जो वैक्सीन लेने के योग्य हैं. हमारा लक्ष्य है कि कोवलम में इन सभी लोगों को 100% जल्द से जल्द टीका लगाया जाएं और गांव को भारत में मॉडल ए तौर पर स्थापित करें. इस तरह से पूरी आबादी में वैक्सीन की झिझक को दूर करना संभव होगा. साथ ही मुफ़्त बिरयानी लोगों के लिए एक अच्छा आकर्षण रहा है और पूरा माहौल अस्पताल से ज्यादा मजेदार है। दावा किया गया है कि नई पहल के साथ, लोगों को वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या जादुई रूप से बढ़ गई है. टीम तीन दिनों 345 लोगों का टीकाकरण किया गया है। टीम ने प्रशासन से कोवलम के लिए और अधिक वैक्सीन का भी अनुरोध किया है क्योंकि वे भारत में 100% टीकाकरण के साथ इस गांव को पहला स्थान दिलाना चाहते हैं।
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