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विदाई के वक्त भावुक हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ,कहा -कल से नहीं दे पाऊंगा न्याय ,अगर मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मुझे माफ कर देना…

विदाई के वक्त भावुक हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ,कहा -कल से नहीं दे पाऊंगा न्याय ,अगर मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मुझे माफ कर देना…

दिल्ली। भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के लिए शुक्रवार को विदाई समारोह आयोजित किया गया। अपने कार्यकाल के अंतिम दिन सीजेआई ने एक सेरेमोनियल बेंच का नेतृत्व करते हुए संबोधन दिया।

सीजेआई ने मंच से उस दिन को याद किया जब मई 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और कहा कि यहां सब एक तीर्थयात्री की तरह हैं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे हैं। इससे 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्य दिवस रहा। ऐसे में CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी, जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग की गई। सेरेमोनियल बेंच की अध्यक्षता डीवाई चंद्रचूड़ ने की । कार्यक्रम में सीजेआई के साथ साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, वरिष्ठ वकीलों के अलावा CJI का पद संभालने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल रहे

सेरेमोनियल बेंच में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “इतने बड़े सम्मान के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं, मेरा जब मैं बड़ा हो रहा था तो मां ने मुझसे कहा था कि मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है, लेकिन तुम्हारे ‘धनंजय’ में जो ‘धन’ है, वह भौतिक धन नहीं है।

निवर्तमान सीजेआई ने शुक्रवार को अपने आखिरी कार्य दिवस पर एक सेरेमोनियल बेंच का नेतृत्व करते हुए अपना अंतिम संबोधन दिया। इस दौरान मंच पर वे (सीजेआई) भावुक दिखे। उन्होंने ‘किसी को ठेस पहुंचाने’ के मामले में ‘माफी’ मांगी। शुक्रवार को अपने आखिरी कार्य दिवस पर एक सेरेमोनियल बेंच का नेतृत्व करते हुए कहा, “अगर मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मुझे माफ कर देना…।”

अपने विदाई भाषण में निवर्तमान सीजेआई ने कहा, “यह अदालत ही है जो मुझे आगे बढ़ने में मदद करती है… हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जिन्हें हम संभवतः नहीं जानते हैं। मैं आप सभी को और आपमें से प्रत्येक को धन्यवाद देता हूं और पहले के मामले जैसा कोई मामला नहीं है। यदि मैंने कभी अदालत में किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मैं चाहूंगा कि आप कृपया मुझे माफ कर दें। इतनी बड़ी संख्या में आने के लिए धन्यवाद।”

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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