रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गांव और गोठान में तैयार किया गया वर्मी कम्पोस्ट को लेकर सेूबे में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी सरकार के द्वारा किसानों पर वर्मी कम्पोस्ट लेने का दवाब बनाने का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साध रही है. मामले को लेकर पूर्व कृषिमंत्री व बीजेपी नेता कहते हैं कि यह सरकार किसानों को 2500 रुपए देकर मानों खरीद ली हो. साथ ही यह भी कहा कि जो वर्मी कम्पोस्ट किसी लैब से प्रमाणित नहीं उसे लेने के लिए दवाब क्यों बनाया जा रहा है, जिसे लेकर बीजेपी बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है.
अब सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर अगर बीजेपी निशाना साधेगी तो कांग्रेस तो जवाब देगी ही. कांग्रेस की ओर से प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ लगातार भेदभाव कर रही है. खाद का सप्लाई नहीं कर रही है. राज्य सरकार वैक्लपिक व्यवस्था के रूप में वर्मी कम्पोस्ट लेने कह रही है, मगर बीजेपी इसका विरोध कर रही. वहीं राजनीतिक विश्लेषक बाबूलाल शर्मा भी मानते हैं कि किसानों की सरकार पर अगर किसानों पर दवाब बनाने का आरोप लगेगा तो फिर सरका की छवि पर भी धक्का लगेगा.
किसानों को लेकर सियासत
यह बात सच है कि साल 2018 में कांग्रेस किसानों के दम पर सत्ता में आने का रास्ता तय की थी, मगर अब किसानों को लेकर प्रदेश में हो रहे सियासत से लगता है कि किसान विकास से ज्यादा राजनीति के ही मुद्दों में शामिल रहते हैं. बहरहाल देखना होगा वर्मी कम्पोस्ट को लेकर शुरू हुई यह सियासत कहां जाकर थमती है. फिलहाल यह है तो तय है कि विधानसभा चुनाव से डेढ़ साल पहले ही चुनावी माहौल प्रदेश में शुरू हो गया है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता एक्टिव हो गए हैं. एक दूसरे पर जुबानी हमला भी शुरू कर दिए हैं.
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