संसद के शीतकालीन सत्र की कल से शुरुआत हो रही है और पहले ही दिन यानी 29 नवंबर को केंद्र की मोदी सरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करेगी. इससे पहले ही कृषि कानूनों की वापसी के बिल पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चर्चा हो चुकी है और इसे वापस लेने के लिए सर्वसम्मति बन गई है. अब सोमवार को लोकसभा की कार्यसूची में इसे सूचीबद्ध किया गया है. कल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस विधेयक को लोकसभा में पेश करेंगे. इससे पहले आज रविवार को संसद को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री कल लोकसभा में पेश करेंगे कृषि कानून वापसी बिल
सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर कहा कि वे सोमवार को सदन में अवश्य मौजूद रहें. लोकसभा की 29 नवंबर की कार्यवाही सूची के अनुसार, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को निरस्त करने और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन करने से संबंधित विधेयक पेश करेंगे.
किसानों ने स्थगित किया ट्रैक्टर मार्च
वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने संसद तक 29 नवंबर को अपने ट्रैक्टर मार्च के आयोजन को स्थगित कर दिया है, किसानों की तरफ से इस मार्च को स्थगित किए जाने के लिए सरकार को राहत मिली है. संसद में विधेयक वापसी को देखकर ही अब किसान मोर्चा अपनी आगे की रणनीति पर काम करेगा. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून की मांग पर संसद में आश्वासन चाहता है.
आज बुलाई गई है सर्वदलीय बैठक
संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारू ढंग से चलाने के लिए रविवार को सरकार विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद में विभिन्न दलों के नेताओं की रविवार को बैठक बुलाई है. इसके अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति वैंकैया नायडू भी अपने-अपने सदनों में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ मशविरा करेंगे.
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