*जन जन की आवाज/कोरबा*
छत्तीसगढ़ पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के शिक्षाविद प्राचार्य एवं कैरियर काउंसलर डॉ गजेंद्र तिवारी ने बताया कि मोबाइल फोन का विद्यार्थियों के जीवन पर गहरा असर पड़ रहा है मोबाइल फोन हम सभी के लिए एक जादू उपकरण बन कर आया था लेकिन समय के साथ इसने अपना जादू बिखेरने के साथ-साथ हमारे लिए मुश्किलें खड़ी करना भी शुरू कर दिया और देखते ही देखते हर व्यक्ति के जीवन पर मोबाइल फोन का एकाधिकार हो गया यह जानकर शायद आप चौक गए हो लेकिन वास्तविकता भी तो यही है आज सुबह उठते हुए और रात को सोते समय हम अपने मोबाइल फोन को ही याद किया करते हैं बाकी सभी संबंध और परिस्थितियां तो हमारी आंखों से ओझल हो गए हैं ऐसे में जरा सोचिए कि स्टूडेंट लाइफ को मोबाइल फोन में कितना प्रभावित किया होगा जिस उम्र में आगे बढ़ने ध्यान केंद्रित करके ज्ञान प्राप्त करना होता है उस उम्र में मोबाइल फोन में विद्यार्थियों की कुछ स्तर तक मदद की है और एक बड़े स्तर पर उनका ध्यान भटका है अभी ऐसे में जानना जरूरी है कि विद्यार्थी जीवन को मोबाइल फोन में किस तरह किया है तो चलिए आज बात करते हैं मोबाइल फोन और विद्यार्थी जीवन की मोबाइल फोन का विद्यार्थी जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है मोबाइल फोन जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके डेवलपमेंट होती है मोबाइल फोन में मौजूद गेम्स पढ़ाई के तनाव को कम करने में मदद करते हैं मोबाइल फोन के जरिए जरूरत पड़ने पर अपने बच्चों से संपर्क कर सकते हैं क्लास में प्रोजेक्ट को मोबाइल के जरिए शेयर किया जा सकता है मोबाइल फोन के नुकसान भी हैं जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने पर स्टूडेंट्स को मोबाइल की लत लग जाती है जो फोन पर उनकी निर्भरता को बढ़ा देती है मोबाइल फोन के इस्तेमाल लेने आए वीडियो गेम खेलने लगते हैं मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण स्टूडेंट्स स्कूल एक्टिविटीज में हिस्सा लेने की बजाए वीडियो गेम खेलना पसंद करने लगते हैं जिसके कारण ही स्टूडेंट का ध्यान पढ़ाई में कम लगने लगता है क्योंकि उसका फोकस मोबाइल पर बना रहता है परीक्षा में चीटिंग करने के लिए भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल बहुत अधिक होता है क्लास् रुम मे मोबाइल लाने वाले स्टूडेंट्स पूरी क्लास का ध्यान भंग देते हैं
डॉक्टर गजेंद्र तिवारी ने बताया कि मोबाइल फोन का सही इस्तेमाल करने और गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए यह जरूरी है कि स्टूडेंट्स के लिए उनके उनके पेरेंट्स और स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा ऐसी गाइडलाइन बनाई जाए जिससे स्टूडेंट्स मोबाइल का उपयोग सीमित मात्रा में ही कर सके और स्टूडेंट को मोबाइल में होने वाले साइड इफेक्ट ना झेलने पड़े इस दिशा में कई प्रयास किए गए हैं जिनके बेहतर परिणाम मिले हैं लेकिन लगातार प्रयास से ही इस समस्या को दूर किया जा सकता है डॉक्टर गजेंद्र तिवारी ने बताया कि बच्चों को अधिक मोबाइल उपयोग करने पर पालकों को इस बात का ध्यान देना आवश्यक होता है कि बच्चे मोबाइल का सीमित उपयोग करें जिससे वह अपने पथ से विचलित ना हो सके ।
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