₹10 हजार रुपए मासिक वेतन और कामकाज निर्धारित करने की मांग को लेकर कोरबा जिले में मितानिन कार्यकर्ताओं ने अपने तेवर दिखाए। उनका आरोप है कि पिछले 9 वर्ष से सरकार कई प्रकार के काम ले रही है लेकिन लगातार ठेंगा दिखाया जा रहा है। मितानिन जानना चाहती है कि प्रसूति कराने और दूसरे कार्यों को उनसे कराया जा रहा है तो स्वास्थ विभाग के निचले पदों पर वैकेंसी में उन्हें प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही है।
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