हेल्थ टिप्स, डायबिटीज के मरीजों को खाने-पीने के लेकर कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। शरीर में इंसुलिन की कमी से होने वाली बीमारी डायबिटीज में ब्लड शुगर बढ़ने पर दिल से जुड़ी बीमारी, तनाव, सिर दर्द, आंखों की रोशनी धुंधली होना, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर समेत कई तरह की जानलेवा बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपको राजमा के लिए अपना प्यार कम नहीं करना है। क्योंकि राजमा आपके ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों को 55 से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।
राजमा (Rajma Benefits) में ढेर सारे एंटी-ऑक्सिडेंट्स, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम और कई पोषक तत्व होते हैं। राजमा को किडनी बींस के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करने में मदद कर सकते हैं। तो चलिए हम आपको राजमा से मिलने वाले लाभ बताते हैं।
मधुमेह में क्यों फायदेमंद है: वास्तव में राजमा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है लेकिन इसका मतलब नहीं है कि ये पूरी तरह से ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कंट्रोल में कर लेते हैं। दरअसल किडनी में बीन्स कम प्रोटीन, अच्छे क्वालिटी का कार्बोहाइड्रेड और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो मधुमेह या डाइबीटिज रोगियों के लिए अच्छा विकल्प बन सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज में भी फायदेमंद: इसके अलावा राजमा, कई विटामिन और खनिजों का एक अद्भुत स्रोत हैं, जिनमें फोलेट, लोहा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम, तांबा, विटामिन के1 और फास्फोरस शामिल हैं। ये न केवल बेहद पौष्टिक माने जाते हैं, बल्कि ये शरीर को अन्य प्रकार से भी फायदा पहुंचाते हैं। राजमा खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता और ब्लड शुगर को कंट्रोल भी करता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
इसका भी ध्यान रखें: डायबिटीज के मरीजों को नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करनी चाहिए। आप खाने के बाद और खाने से पहले भी रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकते हैं। 2011 में जर्नल डायटिबीज केयर में छपी एक स्टडी के अनुसार, जो लोग दिनभर में एक लीटर से ज्यादा पानी पीते हैं, उनमें आधे लीटर से पानी पीने वालों की तुलना में हाई ब्लड शुगर की संभावना 28% कम होती है।
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