भिलाई/रायपुर। भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के ढाई बरस पूरे हो गए। इस बीच कांग्रेस विरोधी वाले खेमे से खबरें आती रहीं कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव की ढाई ढाई साल वाली सरकार रहेगी, इस पर विराम लगा दो दिन पहले जब कांग्रेस के एक गुट ने साफ कर दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है। इस बीच भाजपा के मूल संगठन आरएसएस और भाजपाई के भीतरी सूत्रों की माने तो भाजपा अगली बार भी सत्ता से बाहर रह सकती है क्योंकि राज्य में जो फिलहाल नेतृत्व है वह ‘छत्तीसगढ़िया’ नहीं है, और भूपेश के स्थानियवाद के नारे के बाद विपक्ष को समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाए।
दोनो संगठनों के भीतरखाने में चर्चा यह भी है कि यदि बाहरी को फिर से नेतृत्व का जिम्मा दिया जाता है तो भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर भाजपा में स्थानीय लोगों को पिछले 18 सालों में ऊपर नहीं आने दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह उत्तरप्रदेश के माने जाते हैं, बृजमोहन अग्रवाल, गौरीशंकर अग्रवाल, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल राजस्थान के माने जाते हैं जबकि ये पिछले 30 से 50 साल से छत्तीसगढ़ में हैं। आम छत्तीसगढ़ी इन्हें बाहरी ही मानता है ऐसे में भाजपा की सत्ता की राह में कांटे ही बिछे नज़र आ रहे हैं।
जन जन की आवाज़