नई दिल्ली। नए साल में जश्न मनाने को लेकर लोगों में अलग-अलग तरह की भ्रांतियां बनी हुई। वहीं दिल्ली सहित कई राज्यों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को रात्रि कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। जिसके चलते नए साल का जश्न थोड़ा फीका रहने के आसान नजर आ रहे हैं। वहीं नए साल पर उपद्रवियों पर कार्रवाई करने स्पेशल सेल का गठन भी किया गया है। डीडीएमए ने कोविड को देखते हुए नए साल के जश्न को लेकर होने वाली भीड़ के कारण ये आॅर्डर जारी किया है। पब्लिक प्लेस पर 5 लोगों से ज्यादा भीड़ इकठ्ठी नहीं हो सकती। नए साल के किसी भी जश्न और सेलिब्रेशन या प्रोग्राम की इजाजत नहीं होगी। लाईसेंसी प्लेस पब्लिक प्लेस के दायरे में नहीं आएंगे।
साल 2020 का आज आखिरी दिन है। ये पूरा साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। दुनिया के कई देशों और भारत के अलग-अलग राज्यों में कई सारी पाबंदियों के बीच नए साल का स्वागत करना होगा।
नए साल के जश्न पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को नए साल के जश्न के लिए होने वाले आयोजनों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। उसका मानना है कि ऐसे आयोजन कोविड-19 महामारी के लिए संभावित सुपर स्प्रेडर साबित हो सकते हैं। मंत्रालय ने सर्दियों के मौसम में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के मद्देनजर भीड़ इकट्ठा होने पर भी रोक लगाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि पिछले साढ़े तीन महीने से देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने आंकलन के अनुरूप स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने जैसे, रात के समय निषेधाज्ञा लागू करने आदि का अधिकार दिया है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यात्रियों और सामानों की राज्यों के भीतर या एक से दूसरे राज्यों में आवाजाही पर कोई रोक नहीं लगाई है। राज्यों का इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए स्वास्थ्य सचिव ने उनसे आग्रह किया है कि स्थानीय स्थितियों का आकलन करने के बाद वे 30 दिसंबर से एक जनवरी तक उचित कार्रवाई कर सकते हैं।
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