बिना डॉक्टर की सलाह के बड़ों की दवाइयों बच्चों को देना खतरनाक- डॉ. मिरे

बेमेतरा, 17 जून 2021। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर धीरे-धीरे शांत हो रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी से तीसरी लहर की संभावित आशंका और उसे लेकर जरूरी तैयारियों पर जोर दे रहा है। बच्चों को संभावित तीसरी लहर से बचाने की तैयारियों पर खास जोर दिया जा रहा है। जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक मिरे ने बताया, “कोरोना महामारी के दौरान देखा गया कि कुछ लोगों ने हल्के-फुल्के लक्षण पर बिना डॉक्टर की सलाह के बाजार में उपलब्ध दवाओं का सेवन करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा, बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना घातक हो सकता है। बच्चों को लेकर तो बिल्कुल भी जोखिम न लें।वयस्कों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का बच्चों पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए”।

खुद से न बनें डॉक्टर, गलती पड़ सकती है भारी-

डॉ. मिरे का कहना है,“दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान यह भी देखा गया है कि कई लोग लक्षण के बाद बिना डॉक्टर की सलाह के सीधे बाजार से दवाइयां खरीदकर उनका सेवन कर रहे थे। यह खतरनाक है और जानलेवा भी हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवा न खाएं। खास कर तीसरी लहर को लेकर लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि सोशल मीडिया या किसी अन्य स्रोत से अगर कुछ दवाओं के बारे में आपको जानकारी मिल रही है तो बिना डॉक्टर की सलाह के न लें। बच्चों के बारे में तो और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कोरोना के इलाज में वयस्कोंको दी जाने वाली दवाइयां ही बच्चों को नहीं दी जा सकती। बच्चों को किसी तरह की परेशानी होने पर तत्काल नजदीक के अस्पताल ले जाएं।

बच्चों के इलाज और देखरेख के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में यह स्पष्टहै कि कोविड-19 के उपचार मेंवयस्क रोगियों को दी जाने वाली आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, फैविपिराविर,डॉक्सीसाइक्लिन, एजिथ्रोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग बच्चों के इलाज में न करने की सलाह दी गई है। इन आशंकाओं के बीच कि महामारी के मामलों में एक अंतराल के बाद फिर से वृद्धि हो सकती है।डॉ. मिरे ने बताया, एम्स रायपुर और डॉ. अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय द्वारा वेबीनार के माध्यम से समय-समय पर प्रदेशभर के चिकित्सकों को मार्गदर्शन देकर बच्चों के लिए कोविड देखरेख केंद्रों के संचालन के दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। ताकि तीसरी लहर के आने से पूर्व ही अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल किस तरह किया जा सके”।

बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने पर गंभीर रोग से पीड़ितों को मिलेगी प्राथमिकता-

सीएमएचओ डॉ. एस.के शर्मा का कहना है,“तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से अलर्ट पर है। गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित बच्चों को चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा कोविड केयर अस्पतालों की क्षमता में वृद्धि की जा रही है। डॉ. शर्मा ने बताया, बच्चों के लिए कोविड रोधी टीके को स्वीकृति मिलने की स्थिति में टीकाकरण में ऐसे बच्चों को प्राथमिकता दी लाएगी। जो अन्य रोगों से पीड़ित हैं और जिन्हें कोविड-19 का गंभीर जोखिम है।

लॉकडाउन हटने और स्कूलों के फिर से खुलने के बाद या अगले तीन-चार महीनों में संभावित तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पतालों द्वारा संयुक्त रूप से प्रयास किया जा रहा है। बच्चों की देखरेख के लिए अतिरिक्त बिस्तरों का अनुमान महामारी की दूसरी लहर के दौरान विभिन्न जिलों में संक्रमण के दैनिक मामलों के चरम के आधार पर लगाया जा सकता है। घर स्तर पर बच्चों के केयर के लिए मितानिन और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है”।