कोलकोता I पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य की साली इरा बासु कोलकाता के फुटपाथ जिंदगी गुजार रही हैं. इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही उन्हें तुरंत एंबुलेंस के जरिए डनलप इलाके से बारानगर में इलाज के लिए ले जाया गया. अस्पताल ले जाकर उनकी मेडिकल जांच कराई गई. बता दें कि पूर्व सीएम की साली इरा बासु नाइट गाउन में उत्तर 24 परगना के बड़ाबाजार इलाके में डनलप की सड़कों पर घूमती पाई गईं.इरा बासु फुटपाथ पर रहकर जिंदगी गुजार रही हैं. वह फुटपाथ पर ही सोती हैं और रेहड़ी-पटरी वालों से खाना लेती हैं. हैरानी की बात ये है कि 10 साल तक बंगाल की सरकार लाने वाले पूर्व सीएम बुद्धदेव की साली हैं, जो इन दिनों सड़क पर रहने को मजबूर हैं. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वाली ये बूढ़ी महिला वायरोलॉजी में पीएचडी हैं. वह अंग्रेजी और बंगाली दोनों फर्राटे से बोल सकती हैं. वह राज्य स्तर पर एथलीट रह चुकी हैं.
फुटपाथ पर जिंदगी गुजार रही पूर्व सीएम की साली
टेबल टेनिस और क्रिकेट पर उनकी अच्छी कमांड है. इरा बासु उत्तर 24 परगना जिले के प्रियनाथ गर्ल्स हाई स्कूल में लाइफ साइंस की टीचर रह चुकी हैं. वह पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य की पत्नी की बहन हैं. पिछले 2 सालों से वह फुटपाथ पर रह रही हैं. इरा बासु साल 1976 में प्रियनाथ गर्ल्स हाई स्कूल में लाइफ साइंट की टीचर के तौर पर अपॉइंट हुई थीं. 28 जून 2009 को वह रिटायर हो गई थीं. तब वह बारानगर में रहा करती थीं. बाद में वह पश्चिम बंगाल के खरदाह के लिचु बागान इलाके में पहने चली गईं. लेकिन कुछ ही समय बाद वह अचानक इस पते से गायब हो गईं. अब वह डनलप की सड़कों पर रहती हुई मिली हैं.
पूर्व सीएम से नहीं लिया कोई भी फायदा
प्रियनाथ स्कूल की प्रिंसिपल कृष्णकली चंदा ने बताया कि इरा बसु उके स्कूल में पढ़ाती थीं. रिटायर होने के बाद उनसे पेंशन लेने के लिए उनके सारे डॉक्युमेंट्स जमा कराने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इस साल टीचर्स डे के मौके पर 5 सितंबर को डनलप की संस्था ‘आर्टीजोन’ के सदस्यों ने इरा बसु का अभिनंदन किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि सभी शिक्षक अभी भी उन्हें प्यार करते हैं और कई छात्र उन्हें याद करते हैं.पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य के परिवार के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एक स्कूल टीचर के रूप में अपना करियर शुरू किया तो उन्हें पूर्व सीएम से कोई फायदा नहीं मिला. उन्होंने अपने बलबूते पर अपना करियर बनाया. उन्होंने साफ किया कि वीआईपी पहचान उन्हें नहीं चाहिए
जन जन की आवाज़