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फर्जी डॉक्टर ने फैलाया प्यार का जाल, 17 महिलाओं से रचाई शादी; स्टूडेंट से भी लूटा खूब माल

भुवनेश्वर : ओडिशा का एक व्यक्ति इन दिनों सुर्खियों में है. 66 वर्षीय यह व्यक्ति 14 महिलाओं से शादी करने को लेकर चर्चा में है. व्यक्ति (Conman) पर आरोप है कि उसने कई राज्यों की अनेक महिलाओं को अपने प्रेम के जाल में फंसाकर उनसे शादी कर ली थी. 14 महिलाओं से शादी करने के आरोप में पकड़े गए इस शख्स के झांसे में आई तीन महिलाएं और सामने आई हैं. इस तरह से अब तक कुल आंकड़ा 17 पहुंच चुका है. एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी. आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. पुलिस के अनुसार यह व्यक्ति फर्जी डॉक्टर (Fake Doctor) बनकर महिलाओं से मिलता था और फिर उनसे शादी करता था. यहां तक कि उसने छत्तीसगढ़ की एक चार्टेड अकाउंटेंट, असम की फिजिशियन और ओडिशा (Odisha) की ही एक कॉलेज शिक्षिका को भी अपने जाल में फंसाकर उनसे शादी की थी.

ओडिशा के इस कुख्यात व्यक्ति ने पुलिसकर्मी और वकील से लेकर कई अन्य पेशेवर महिलाओं को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था. उसने अधेड़ उम्र की महिलाओं को भी फंसाया और एक के बाद एक कई राज्यों की कुल 17 महिलाओं से शादियां रचाईं. लेकिन आखिरकार गत सोमवार को यह व्यक्ति पुलिस के हत्थे चढ़ गया. 38 सालों से शादियां रचाने में व्यस्त इस शख्स का असल नाम रमेश चंद्र स्वैन है.

भुवनेश्वर के पुलिस डिप्टी कमिश्नर यूएस दास ने बताया कि इसके झांसे में आने वाली 3 और महिलाएं सामने आई हैं और इस तरह से यह आंकड़ा अब 17 पहुंच चुका है. सोमवार को जब रमेश चंद्र स्वैन को गिरफ्तार किया गया था, तब तक उसके संबंध में यही जानकारी थी कि उसने 14 महिलाओं को धोखा दिया है. ओडिशा के ही जगतसिंह पुर जिले के एक छात्र ने इस फर्जी डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि राज्य के मेडिकल कॉलेज में सीट दिलाने के नाम पर इस व्यक्ति ने उससे 18 लाख रुपये ठगे हैं.

डीप्टी कमिश्नर ने बताया कि इस धोखेबाज के फोन को फॉरेंसिक लैब में भेजा जाएगा और उसकी सभी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जांच की जाएगी. इस व्यक्ति के पास से तीन पैन कार्ड और 11 एटीएम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. 66 वर्षीय रमेश ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक तटवर्ती गांव का निवासी है. पुलिस के मुताबिक रमेश ने खुद को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में कार्यरत उपमहानिदेशक के रूप में पेश किया. पुलिस के मुताबिक रमेश ने अपनी पत्नियों से लाखों रुपयों की ठगी भी की. उसने अपने प्रेम के जाल में दिल्ली, ओडिशा, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, असम, झारखंड और उत्तराखंड में रहती हैं.

भुवनेश्वर पुलिस के उपायुक्त यूएस दास ने सोमवार को कहा, ‘हमने उसकी 14 में से नौ पत्नियों को ढूंढ़ लिया है और अन्य से भी आगे आने की अपील करते हैं. हमे संदेह है कि उसके द्वारा ठगी गई कई महिलाएं सामाजिक बंधन के कारण सामने नहीं आ रही हैं. हम उनसे ओडिशा पुलिस से संपर्क करने की अपील करते हैं.’ इस अपील के बाद 3 अन्य महिलाएं सामने आईं.

स्थानीय अदालत ने रमेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, लेकिन आगे की पूछताछ के लिए पुलिस उसे अपनी हिरासत में लेने के लिए प्रयासरत है. रमेश ने पहली शादी 1982 में की और अंतिम शादी 38 साल बाद 2020 में की. उसने अपनी अंतिम शादी एक टीचर से दिल्ली स्थित आर्य समाज मंदिर में की. हालांकि, रमेश ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, ‘मैंने इन सभी महिलाओं से शादी नहीं की और मुझे एक चिकित्सक की जरूरत थी.’

डॉ. बिभु प्रकाश स्वैन, डॉ. रमानी रंजन स्वैन जैसे अलग-अलग नाम रखने वाला रमेश भले ही एक डॉक्टर ना हो, लेकिन पहली पत्नी से उसके तीनों बच्चे डॉक्टर हैं और विदेश में रहते हैं. रमेश की दूसरी पत्नी डॉक्टर हैं और प्रयागराज में रहती हैं. एसीपी संजीव सतपथी ने कहा कि उसने दोस्ती की चाहत रखने वाली महिलओं को ठगा. उन्होंने बताया कि जिन महिलओं को उसने अपने जाल में फंसाया उनमें आईटीबीपी की एक कमांडेंट, शिक्षिकाएं और दिल्ली हाईकोर्ट की वकील तक शामिल हैं.

रमेश वैवाहिक वेबसाइटों के जरिए महिलाओं से दोस्ती करता था. भुवनेश्वर स्थित किराए के मकान में दिल्ली की शिक्षिका पत्नी के साथ रहते समय रमेश की किस्मत खराब हो गई. महिला को उसकी पहली शादी की भनक लग गई और पांच जुलाई 2021 को उसने भुवनेश्वर के ही महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. केंद्रपाड़ा में रहने वाली पहली पत्नी के बारे में पूछने के बाद वह भुवनेश्वर से भाग गया. वह छह महीने तक अपनी दूसरी पत्नियों के साथ असम में रहा, इस दौरान शिकायतकर्ता महिला दिल्ली लौट आई. सतपथी ने कहा कि रमेश मध्यम आयु वर्ग की अकेली खासकर तलाकशुदा महिलाओं को निशाना बनाता था, जो वैवाहिक वेबसाइटों पर साथी की तलाश करती थीं. पुलिस ने 11 एटीएम कार्ड, चार आधार कार्ड और बिहार स्कूल प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं. पुलिस ने कहा कि उसे वर्ष 2010 में हैदराबाद और वर्ष 2006 में एर्नाकुलम में बेरोजगार युवाओं को धोखा देने के आरोप में दो बार गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का कहना है कि रमेश की शैक्षणिक योग्यता की जांच की जरूरत है, क्योंकि वह निश्चित रूप से एमबीबीएस डॉक्टर नहीं हैं.

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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