पहली बार कोरोना संक्रमण से हुई दो मौत को नक्सलियों ने स्वीकारा..

बस्तर आईजी ने कोरोना से बचने की आत्मसमर्पण की अपील
दंतेवाड़ा 24 जून (वेदांत समाचार) । कोरोना संक्रमण का प्रसार भले ही प्रदेश में कम हो गया है, लेकिन इसका खतरा अब भी बरकार है। जहां प्रदेश के कई जिलों में कोरोना संक्रमण धीमा पड़ता जा रहा है, वहीँ नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में इसका प्रकोप जारी है। खासकर के सुदूर वनक्षेत्रों में जहां नक्सली अपना डेरा जमाते हैं, वहां इस संक्रमण का प्रकोप नक्सल संगठनों पर बरपा है।

 

 

 

इस संक्रमण ने कई नक्सलियों को अपनी चपेट में ले लिया है। पर्याप्त संसाधन व चिकित्सीय सुविधा के आभाव में कई नक्सली अब तक दम तोड़ चुके हैं, और कई की हालत गंभीर है। हाल ही में नक्सल सेन्ट्रल कमेटी सदस्य हरिभूषण एवं महिला नक्सली कमाण्डर भारतक्का उर्फ बुद्रिका की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। 24 जून को सीपीआई माओवादी संगठन के तेलंगाना स्टेट कमेटी ने प्रेस विज्ञप्त जारी कर इसकी जानकारी दी। पहली बार सीपीआई माओवादी संगठन ने नक्सल कैडर में कोरोना संक्रमण के कारण से हो रही मौत की जानकारी को स्वीकार किया है। इससे पहले कोरोना के संबंध में दिग्भ्रमित जानकारी देकर नक्सली खुद को तथा क्षेत्रवासियों को गुमराह कर रहे थे।
बस्तर पुलिस के पास PLGA बटालियन क्रमांक 1 की कमाण्डर हिड़मा सहित सीनियर माओवादी कैडर सोनू, विनोद, जयमन, नंदू एवं अन्य कई माओवादी कैडर कोरोना बीमारी से संक्रमित होने की जानकारी प्राप्त हो रही है, जिसकी तस्दीक की जा रही है।

 

इस ममले में पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुंदरराज पी. ने बताया कि माओवादी डेरा में कोरोना महामारी संक्रमण की स्थिति काफी भयानक एवं गंभीर है। कम से कम माओवादी नेतृत्व एवं उनके समर्थकों ने सत्यता को स्वीकार करते हुए क्षेत्र की जनता और खुद की कैडर्स को कोरोना महामारी संक्रमण के संबंध में दिग्भ्रमित न करे।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज ने पुनः क्षेत्रवासियों से माओवादी गतिविधियों से दूर रहने की समझाईश दी और माओवादी कैडर्स से कोरोना बीमारी से बचने हिंसा छोड़कर शासन-प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने अपील की है।