38 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन,एक दिसम्बर से शुरू होगी धान और मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी
कोरबा । जिले में आगामी एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान और मक्का की खरीदी शुरू हो जाएगी। इस वर्ष जिले में 15 लाख 54 हजार 344 क्विंटल अनुमानित धान खरीदी होगी। कॉमन धान का समर्थन मूल्य एक हजार 940 रूपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का समर्थन मूल्य एक हजार 960 रूपए निर्धारित किया गया है। मक्का एक हजार 870 रूपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। इस बार राज्य के किसानों से एक दिसंबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक नकद और लिकिंग में धान की खरीदी होगी।
समर्थन मूल्य पर किसानों से मक्का की खरीदी एक दिसंबर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी। प्रदेश के किसानों से अधिकतम 15 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक धान खरीदा जाएगा। वहीं मक्का खरीदी की अधिकतम सीमा 10 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। सहकारी समितियों में शासकीय अवकाश के दिनों को छोड़कर सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक धान की खरीदी होगी। इसके लिए किसानों को टोकन जारी किया जाएगा। खरीदे गए धान और मक्का की राशि किसानों के खाते में सीधे भुगतान की जाएगी।
जिला प्रशासन द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से धान और मक्का खरीदने की तैयारियां तेजी से पूरी की जा रही है। पिछले वर्षों की परंपरा को कायम रखते हुये जिले में इस वर्ष भी जीरो शॉर्टेज पर धान खरीदी की जाएगी। केवल पंजीकृत वास्तविक किसानों से ही धान खरीदी की जाएगी। जिले में इस बार धान खरीदी के लिए 38 हजार 222 किसानों ने पंजीयन कराया है। कलेक्टर श्रीमती साहू ने अनाधिकृत रूप से धान बेचने के लिए आने वाले व्यक्तियों की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को देने के भी निर्देश जारी किए हैं। ऐसे अवैध रूप से बेचने की कोशिश करने वाले धान को जिला प्रशासन द्वारा जप्त करने और संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
पुराने जुट बारदाने की दर 18 रुपए निर्धारित
इस बार एक दिसंबर से ही किसानों के बारदानें में भी धान की खरीदी की जाएगी। पुराने जूट बारदानें की दर 18 रूपए प्रति नग निर्धारित की गई है। सभी धान खरीदी केन्द्रों में धान का क्रय मूल्य प्रदर्शित करने वाले बैनर लगाया जाना अनिवार्य होगा। धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था भी होगी। धान खरीदी केन्द्रों पर निर्मित चबूतरों पर ही सुरक्षित रूप से धान के बोरे रखे जाएंगे। धान खरीदी केन्द्रों में जल निकासी की व्यवस्था और खरीदे गये धान को आकस्मिक बारिश से बचाने के लिए तालपत्री-केप कव्हर की भी पहले से ही व्यवस्था की जा रही है।
काँटाबाट का सत्यापन करेगा नाप तौल विभाग
सभी धान खरीदी केन्द्रों में नापतौल के लिए कांटाबाट को संबंधित विभाग द्वारा जांच कराकर प्रमाणित कराकर ही उपयोग किया जाएगा। धान खरीदी के समय किसानों से खरीदी जाने वाली धान की मात्रा को अनिवार्य रूप से उनकी ऋण पुस्तिका में इन्द्राज भी किया जाएगा। छोटे लघु सीमांत किसानों को धान की खरीदी में प्राथमिकता मिलेगी।
17 प्रतिशत से अधिक नमी युक्त धान होंगे रिजेक्ट
किसी भी स्थिति में 17 प्रतिशत से अधिक नमीं का धान नहीं खरीदा जाएगा। धान में नमी की जांच के लिए सभी खरीदी केन्द्रों में आर्द्रतामापी यंत्रों की व्यवस्था और उनका कैलीब्रेसन करा लिया गया है। सभी धान खरीदी केन्द्रों में कम्प्यूटर, प्रिंटर, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर आदि संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है।
फैक्ट फाईल
०1 दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक होगी धान खरीदी
० जिले में 41 समितियों के 49 उपार्जन केन्द्रों पर होगी खरीदी।
० अब तक लगभग 38 हजार 222 किसानों ने कराया पंजीयन, इस वर्ष अब तक 5 हजार 631 नये किसान हुये पंजीकृत।
० इस वर्ष 15 लाख 54 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदी का अनुमान।
०वर्तमान में उपलब्ध बारदाना 13 लाख एक हजार 226 नग।
० कटघोरा के रंजना, पाली के नुनेरा, पोड़ी -उपरोड़ा के तुमान और लैंगा तथा कोरबा विकासखण्ड के नकटीखार में पांच नए धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए।
०अवैध धान की आवक और बिक्री रोकने
के लिए जिले में 15 चेकपोस्ट बने। एसडीएम और तहसीलदारों की अध्यक्षता में जांच दलों का गठन। उपार्जन केन्द्र स्तर पर निगरानी समितियां भी बनीं।
० जिले में 41 समितियों के 49 उपार्जन केन्द्रों पर होगी खरीदी।
० अब तक लगभग 38 हजार 222 किसानों ने कराया पंजीयन, इस वर्ष अब तक 5 हजार 631 नये किसान हुये पंजीकृत।
० इस वर्ष 15 लाख 54 हजार क्विंटल से अधिक धान खरीदी का अनुमान।
०वर्तमान में उपलब्ध बारदाना 13 लाख एक हजार 226 नग।
० कटघोरा के रंजना, पाली के नुनेरा, पोड़ी -उपरोड़ा के तुमान और लैंगा तथा कोरबा विकासखण्ड के नकटीखार में पांच नए धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए।
०अवैध धान की आवक और बिक्री रोकने
के लिए जिले में 15 चेकपोस्ट बने। एसडीएम और तहसीलदारों की अध्यक्षता में जांच दलों का गठन। उपार्जन केन्द्र स्तर पर निगरानी समितियां भी बनीं।जन जन की आवाज़