6 अक्टूबर की शाम राज्यपाल अनुसूईया उइके को सौंपी गई झीरम जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद छत्तीसगढ़ में हंगामा मचा हुआ है।
- झीरम घाटी हमले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यायिक जांच आयोग में नया अध्यक्ष बना दिया है। इस आयोग में दो सदस्यों को रखा गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग के सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी,
झीरम कांड जांच में दो नए जज:आयोग की रिपोर्ट मानने से सरकार का इनकार, कहा – 30 सितम्बर को खत्म हो चुका कार्यकाल 6 अक्टूबर की शाम राज्यपाल अनुसूईया उइके को सौंपी गई झीरम जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद छत्तीसगढ़ में हंगामा मचा हुआ है।
झीरम घाटी हमले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यायिक जांच आयोग में नया अध्यक्ष बना दिया है। इस आयोग में दो सदस्यों को रखा गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। न्यायमूर्ति जी. मिन्हाजुद्दीन आयोग के सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी
आयोग की अधिसूचना में कहा गया, जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग का कार्यकाल 30 सितम्बर को समाप्त हो चुका है। इस बीच न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा का स्थानांतरण भी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में हो गया है। ऐसे में सरकार ने आयोग में दो नए सदस्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है। पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं के अतिरिक्त यह आयोग तीन नए बिंदुओं की जांच करेगा। इसमें पहला बिंदु है, क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई। दूसरा, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे। तीसरे में अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करे। इस आयोग को छह महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश हुआ है।
एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने कहा था, फैसला जल्द
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को ही कहा था, आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका था। रिपोर्ट अभी अधूरी है। ऐसे में उस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। बहुत जल्दी ही इसका फैसला हो जाएगा।
कांग्रेस ने की थी नए आयोग की मांग
कांग्रेस की ओर से झीरम घाटी कांड की जांच के लिए नए आयोग की मांग उठी थी। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सबसे पहले इसकी मांग उठाई। बाद में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और दूसरे नेताओं ने यह बात उठाई। कहा गया, कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि एक वृहत न्यायिक जांच आयोग का गठन कर झीरम षड्यंत्र की नए सिरे से जांच करवाई जाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा, प्रदेश की जनता इस मामले के षड्यंत्रकारियों को बेनकाब होते देखना चाहती है।
राज्यपाल को 6 अक्टूबर को सौंपी गई रिपोर्ट, तब से बवाल
झीरम घाटी हमले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा न्यायिक जांच आयोग ने 6 अक्टूबर की शाम राज्यपाल अनुसूईया उइके को जांच रिपोर्ट सौंप दी। झीरम हत्याकांड जांच आयोग के सचिव और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार संतोष कुमार तिवारी यह रिपोर्ट लेकर राजभवन पहुंचे थे। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा अभी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। बताया जा रहा है, उनके बिलासपुर से निकलने से पहले ही इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया। यह रिपोर्ट 10 खंडों और 4 हजार 184 पेज में तैयार की गई है। उसके बाद से ही बवाल मचा है। कांग्रेस ने इसे परंपरा का उल्लंघन बताया।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्यों महत्वपूर्ण है झीरम
कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर 25 मई 2013 को झीरम घाटी में हुए एक नक्सली हमले में 29 लोग मारे गए थे। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार जैसे नाम भी शामिल थे। इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल गंभीर रूप से घायल हुए थे। जिनका बाद में इलाज के दौरान निधन हो गया। माना जाता है कि यह देश में किसी राजनीतिक दल पर हुआ सबसे बड़ा हमला था।
झीरम पर नया जांच आयोग बना सकती है सरकार:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए संकेत; कहा- रिपोर्ट अधूरी हो सकती है, फैसला बहुतजल्द
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