रायपुर : दंतेवाड़ा के अरनपुर की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। कल दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने घात लगाकर डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) फोर्स के जवानों पर हमला कर दिया. उन्होंने जवानों से भरी गाड़ी को आईईडी हमले में उड़ा दिया. इस हमले में 11 जवान शहीद हो गए हैं. इनमें 10 डीआरजी के जवान और एक ड्राइवर है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्नाटक का दौरा रद्द कर दंतेवाड़ा पहुंचेंगे और वहां जवानों को अंतिम विदाई देंगे। भूपेश बघेल के कार्यकाल की ये दूसरी सबसे बड़ी नक्सली घटना है। इससे पहले 2021 में नक्सली वारदात हुई थी। 3 अप्रैल 2021 को जवानों पर हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हुए थे। इस बार भी अप्रैल का महीना है और बस्तर की जमी उन्ही के माटीपुत्र के लहू से लाल हुई है।
शहीद 10 जवानों में 8 अकेले दंतेवाड़ा से
दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए IED ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हुए हैं। इस नक्सली हमले में शहीद 10 DRG के जवानों में दंतेवाड़ा जिले से 8 जवान ने वीरगति को पायी है, जबकि एक जवान सुकमा और एक बीजापुर का सपूत है। दंतेवाड़ा के शहीद 8 जवानों में 2 जवान तो एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों साथ-साथ भर्ती हुए और दोनों की शहादत भी एक ही दिन हो गयी। राजू राम करटम और जगदीश कोवासी दोनों कुआंकोंडा के बड़ेगुडरा के रहने वाले हैं। दोनों जवान 10 मार्च 2022 को भर्ती हुए थे। उसी तरह कटेकल्याण मारजूम भीमापारा के दुलगो मंडावी और कटेकल्याण के बड़े गादम के जोगा कवासी 6 मार्च 2023 को डीआरजी में भर्ती हुए थे। दोनों एक महीना 23 दिन ही नौकरी कर पाये की उनकी शहादत हो गयी ।
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