रायपुर. निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में तीन जेल प्रहरियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मामला सामने आया है कि जेल कर्मियों ने टीवी पर पंजाब चुनाव का परिणाम दिखाने के लिए जीपी सिंह को वॉच टॉवर पर चढ़ा दिया था. इसकी भनक लगते ही जेल महकमें में हड़कंप मचा है. विभाग ने जीपी के सेल इंचार्ज, ड्यूटी इंचार्ज सहित तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया है. वहीं जीपी सिंह के सेल की सुरक्षा को अधिक तगड़ा कर दिया गया है. जीपी सिंह को टीवी दिखाने का यह मामला पिछले महीने का है. बताया जा रहा है, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के समय जीपी सिंह ने पंजाब के चुनाव परिणाम देखने की इच्छा जाहिर की थी. कई जेल कर्मी उनकी सेवा में थे. ऐसे में दोपहर के समय जेल कर्मियों ने जीपी सिंह की बैरक के सबसे नजदीक स्थित वॉच टावर तक पहुंचा दिया. उस तीन मंजिला वॉच टॉवर की दूसरी मंजिल पर प्रहरियों के आराम की व्यवस्था है. वहां टीवी भी लगा है. उस कमरे में जीपी सिंह ने करीब आधे घंटे तक टीवी देखा. उसके बाद वे वापस अपनी सेल में पहुंच गए. दोपहर के वक्त अधिकारियों के वहां नहीं होने से उसका पता तत्काल नहीं लग पाया. दूसरे दिन उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना मिली. उसके बाद जांच पड़ताल के बाद केशव सिंह, मंगल सिंह और फिरतराम यादव नाम के तीन जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
अफसरों के मुताबिक सेंट्रल जेल परिसर के भीतर चारों किनारों पर टावर लगे हैं. जहां जेल प्रहरी चौबीस घंटे ड्यूटी पर रहते हैं. यह क्षेत्र बंदियों के लिए प्रतिबंधित होता है. इसके बाद भी जीपी सिंह को उनके कहने पर टावर पर चढ़ाया गया. सारा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया. जिसके बाद अधिकारियों ने लापरवाही करने वाले प्रहरियों को निलंबित कर दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने जुलाई 2021 में जीपी सिंह के 15 ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान आय से अधिक संपत्ति के अलावा सरकार के खिलाफ साजिश रचने के सबूत सामने आए. उसके बाद पुलिस ने उनपर राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया. उसके बाद से जीपी फरार थे. जिन्हें जनवरी 2022 में दिल्ली से पकड़ा गया. निचली अदालत और हाईकोर्ट ने जीपी सिंह को जमानत देने से इन्कार कर दिया. तब से वे न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं. जीपी सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाई है.
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