HomeUncategorizedजयसवाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ग्राम बि॑झरा में हुआ संपन्न,,

जयसवाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ग्राम बि॑झरा में हुआ संपन्न,,

जयसवाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ग्राम बि॑झरा में हुआ संपन्न,,

कटघोरा  बिऺझरा–—- कोरबा जिला के पोडीउपरोडा ब्लाक  के ग्राम पंचायत बि॑झरा में मुख्य अजमान श्री शत्रुघ्न जायसवाल एवं श्रीमती सुनीता जायसवाल के द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 22.12.2024 से प्रारंभ की गई थी , जिसमें पूरे ग्राम के अलावा आसपास के सनातन श्रोताओं ने भारी संख्या में उपस्थित होकर कथा का रसपान किया ,कथावाचक राज पुरोहित श्री मुरारी लाल त्रिपाठी जी के सानिध्य में कथा श्रवण कराया गया इस संगीत में कथा को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्र से आए भक्तों द्वारा कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य किया, कथा विश्राम की घोषणा आचार्य पंडित चंद्रहास त्रिपाठी जी के द्वारा की गई उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा पुराण में सभी ग्रन्थों का सार है और यही एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें भगवान की सभी लीलाओं का वर्णन किया गया है। यह बाते हम सभी जानते हैं और हर कथाओं में सुनने को भी मिलती है मगर कथा श्रवण के बाद उस पर अमल करने से ही पुण्य प्राप्त होता है।

श्रीमद्भगवद्गीता से जुड़ी कुछ खास बातें:
भगवद्गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं.
महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, वही गीता है.
गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वर्णन किया गया है.
गीता का उद्देश्य परमात्मा, आत्मा, और सृष्टि विधान के ज्ञान को स्पष्ट करना है.
गीता में तप तीन प्रकार के बताए गए हैं-शारीरिक, वाचिक, और मानसिक.
गीता के सार को इसके पांच मुख्य विषयों – ईश्वर, जीव, प्रकृति, काल, और कर्म को जानकर अच्छी तरह समझा जा सकता है.
गीता में कहा गया है कि केवल शरीर को ही मारा जा सकता है; आत्मा अमर है.
मृत्यु के समय, आत्मा दूसरे शरीर में पुनर्जन्म लेती है.
जो लोग सच्ची शिक्षाओं को पूरी तरह से समझ चुके हैं, वे मुक्ति (मोक्ष) या विलुप्ति (निर्वाण) प्राप्त करते हैं.
गीता वास्तव में चरित्र निर्माण का सबसे बड़ा और उत्तम शास्त्र है.

इस धार्मिक अनुष्ठान में जयसवाल परिवार के द्वारा विधि विधान से सात दिवस तक कथा श्रवण कर भोग भंडारा पूर्ण आहुति सहस्त्र धारा 30 -12 – 2024 को कराई जाएगी इस आयोजन में समाज के स्वजातियों के अलावा क्षेत्रीय ग्रामीणों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर कथा का रसपान किया,,

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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