रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए ड्रेस को लेकर करोड़ों रुपये शिक्षा विभाग को समय से पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन अब तक 15 लाख से ज्यादा छात्रों को स्कूल ड्रेस वितरण ही नहीं किया गया है. शिक्षा विभाग की नाकामी के कारण ड्रेस जिला कार्यालयों में धूल खा रही हैं, जबकि स्कूल खुलने से पहले ही छात्रों को ड्रेस का वितरण हो जाना चाहिए था, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही सबके सामने है.
शिक्षा विभाग जो अनुशासन और समय के पालन का पाठ पढ़ाता है, वही इन दिनों विभाग की योजनाओं के संचालन में समय की पाबंदी और अनुशासन के सारे कायदे भूल गया है. समय पर विभाग का ही कोई काम नहीं हो रहा है. चाहे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत ग़रीब बच्चों की भर्ती को लेकर हो या फिर स्कूली बच्चों को स्कूल ड्रेस के वितरण का हो. आज स्कूल खुले क़रीब तीन माह हो गए हैं, लेकिन विभाग स्कूली बच्चों को स्कूल ड्रेस मुहैया कराने में नाकाम है, जबकि स्कूल खुलते ही विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस देने का प्रावधान है.
प्रदेश में कक्षा पहली से आठवीं तक के 29 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को सरकार मुफ़्त में दो सेट स्कूल ड्रेस दे रही है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ड्रेस वितरण प्रदेश के सभी जिलों के लिए 58 लाख 50 हजार से ज्यादा स्कूल ड्रेस का ऑर्डर एक साल पहले ही क़र दिया गया था, लेकिन 6 सिंतबर तक 43 लाख स्कूल ड्रेस जिलों में पहुंची, जिलों से स्कूलों में पहुंचना बाकी है. स्कूल ड्रेस जिला कार्यालयों में धूल खा रही हैं और स्कूली छात्र पुरानी ड्रेस पहनकर स्कूल जा रहे हैं.
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