बिलासपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल की विशेष समिति को बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) ने झटका दिया है। जिला अधिवक्ता संघ की अपील पर बीसीआइ ने स्टेट बार काउंसिल के आदेश को निरस्त कर दिया है।
अधिवक्ताओं के दो गुटों के बीच बार काउंसिल का कार्यकाल विवादित होने के बाद आपसी खींचतान कम नहीं हो रहा है। अधिवक्ताओं के गुटीय विवाद के चलते स्टेट बार काउंसिल को भंग कर दिया गया।
साथ ही परिषद के संचालन के लिए महाधिवक्ता को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और तीन सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया गया। इधर जिला अधिवक्ता संघ का कार्यकाल समाप्त होने का हवाला देते हुए परिषद की विशेष समिति ने 31 मार्च को निर्देश जारी कर जिला अधिवक्ता संघ को भंग कर दिया था। साथ ही अधिवक्ता एमडी शर्मा, एआरके राव व मिथिलेश पाठक की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। परिषद के इस आदेश को जिला अधिवक्ता संघ ने बार काउंसिल आफ इंडिया के समक्ष अपील की।
इसमें बताया गया कि जिला अधिवक्ता संघ का अपना अलग नियम है। इसके तहत संघ का कार्यकाल तीन साल का है। लेकिन, इससे पहले ही स्टेट बार ने अपने नियमों का हवाला देते गुटीय विवाद के चलते जिला अधिवक्ता संघ को भंग कर दिया है। बार काउंसिल आफ इंडिया ने जिला अधिवक्ता संघ के प्राचीन संविधान को स्वीकार करते हुए स्टेट बार काउंसिल के आदेश को निरस्त कर दिया है। संघ के सचिव रविकुमार पांडेय ने बताया कि राज्य अधिवक्ता परिषद के आदेश को निरस्त कर बार काउंसिल आफ इंडिया ने जिला अधिवक्ता संघ के सम्मान को बढ़ाया है।
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