रायपुर। केंद्र सरकार मंगलवार को 127वां संविधान संशोधन बिल लोकसभा में ला रही है। इसके तहत अब राज्य सरकार किसी भी जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर सकेगी। पहले यह अधिकार केंद्र सरकार के पास था। यह अधिकार मिलते ही छत्तीसगढ़ में सीपिया और झारिया महार समुदाय के लोगों को पिछड़ा वर्ग में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इन दोनों समुदाय ने पिछड़ा वर्ग आयोग को आवेदन दिया है। जल्द ही आयोग की ओर से इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
कौन है सीपिया और झारिया?
छत्तीसगढ़ में 95 जातियां पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं। इसमें सीपिया और झारिया महार के समुदाय के लोग भी इस वर्ग में सीपी, महरा ऐसे नामों से शामिल हैं। हालांकि, मात्रात्मक त्रुटी के कारण सीपिया और झारिया महार को इसमें शामिल नहीं किया गया। दोनों समुदाय में करीब 15 हजार लोगों को यह लाभ इसलिए नहीं मिल रहा है कि उनके प्रमाण पत्रों में सीपिया और महरा की जगह महार हो गया है। पिछड़ा वर्ग आयोग के मुताबिक, सीपिया के 5 हजार लोग और झारिया के करीब 10 हजार लोग अभी पिछड़े वर्ग में शामिल नहीं हैं। इन दोनों जातियों के लोगों का मुख्य व्यवसाय रूई धुनाई, रजाई, गद्दे बनाना है। इस समुदाय के लोग बिलासपुर, कवर्धा और राजनांदगांव जिलों में ज्यादा रहते हैं।
जन जन की आवाज़