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छत्तीसगढ़: ठगों के गैंग ने मिलकर कारोबारी को लूटा, पहले रिलायंस लाइफ का अफसर बनकर ठगा, फिर फोन पर कहा हम भारत सरकार के अफसर हैं, कुल मिलाकर लगा 42 लाख का चूना

रायपुर। एक कारोबारी के साथ 42 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। अपनी मेहनत की कमाई से इन्होंने रिलायंस ब्रांड का नाम देखकर बीमा की पॉलिसी ली। जब रकम वापस लेने की कोशिश की तो ठगों के जाल में फंसकर अपने 42 लाख रुपए गंवा बैठे। अब इन्होंने पुरानी बस्ती पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। इस मामले में पुलिस ने शिकायतकर्ता अमरलाल पंसारी से बीमा पॉलिसी के नाम पर हुई ठगी और ठगों के उन अकाउंट्स की जानकारी ले ली है जिनमें रुपए बहला-फुसलाकर जमा करवाए गए। अब सायबर सेल की मदद से ठगों को पकड़ने का मिशन शुरू हो चुका है।

 

पूरा गैंग मिला हुआ था

साल 2015 में रायपुर के अमरलाल ने रिलायन्स सिक्योरटीस लि. और रिलायन्स निपौन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की बीमा पॉलिसी ले रखी थी। चार सालों तक वो इनमें सालाना प्रीमियम की रकम जमा करते रहे। साल 2018 में अमर ने कंपनी में एक एप्लीकेशन भेजा उन्होंने कहा कि उनके पिता की तबीयत ठीक नहीं। अब इलाज के लिए रुपयों की जरूरत है तो जितनी भी राशि अब तक जमा की उसे लौटा दिया जाए। साल 2019 में इन्हें विशाल भारद्वाज नाम के आदमी ने कॉल किया। इसने कहा कि वो रिलायन्स लाइफ इंश्योरेन्स के दिल्ली कार्यालय में पदस्थ है। उसने बातों में उलझाकर कहा कि वो उनकी रकम वापस दिला देगा मगर प्रोसेसिंग के लिए कुछ रुपए देने होंगे जो कुल रकम के साथ उन्हें लौटा दिए जाएंगे।

 

 

 

इन फोन नंबरों से आप भी बचकर रहें

बार-बार ठग 8800471202,9990457446, और 9990457446 से कॉल करता रहा। आधा दर्जन बैंक अकाउंट में रुपए जमा करवाता रहा। साल 2020 आ गया मगर अमर को उनकी रकम वापस नहीं मिली। इसके बाद राघवेन्द्र नाम के आदमी ने 9540968943 वाट्सअप नंबर 9540968943 से कॉल किया। इसने दावा किया कि वो जीवन बीमा लोक पाल शिकायत केन्द्र बैंगलोर से बोल रहा है। इसने कहा कि आपकी रिलायन्स जीवन बीमा के प्लान रिलयायन्स गारेन्टेटेड मनी बैक मे राशि फंसी हुई है, ये शिकायत हमारे पास आ चुकी है। हमारा काम एजेन्ट या जो कंपनी लोगों को परेशान करे उसकी मदद करना है। हम हम भारत सरकार द्वारा अर्थराईज्ड हैं। इतना सुनकर अमर इनके चक्कर में भी पड़ गए। इस कॉलर ने भी प्रोसेसिंग फीस के नाम पर रुपए लिए। इस तरह कुल 42 लाख की ठगी हो गई।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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