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छत्तीसगढ़: कोरोना से मां-बाप खो चुके बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी राज्य सरकार

Jan Jan ki Awaaz

रायपुर, 13 मई। कोविड के खिलाफ लड़ाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो कोविड पीड़ितों के कुछ आंसू पोंछ सकेगा।कोविड के निर्मम प्रहार के चलते जिन बच्चों का सब कुछ छीन गया है, अब छत्तीसगढ़ सरकार उनका संबल बनने जा रही है,और न केवल उनकी शिक्षा का दायित्व उठायेगी बल्कि उनके भविष्य को संवारने की हर संभव कोशिश भी करेगी। सरकार की इस संवेदनशील पहल को अमली जामा पहनाया जाएगा छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के माध्यम से। यह योजना इस वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी। 

 

ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को इस वित्तीय वर्ष के दौरान कोरोना के कारण खो दिया है, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च अब छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी। साथ ही पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपये प्रतिमाह और 9 वीं से 12 वीं तक के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। शासकीय अथवा प्राईवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवृत्ति के लिये पात्र होंगे। 

 

 

 

इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है ऐसे बच्चे जिनके परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाले मुख्य सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो गई है, तो उन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि ये बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश हेतु आवेदन देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा और उनसे किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जायेगी।

 

कोरोना महामारी ने न जाने कितने घरों में अंधेरा कर दिया है और न जाने कितने बच्चों के सिर से उनके मा-बाप का सहारा छीन लिया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जरूरतमंदों को हर तरह का सहारा मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री की यह संवदेनशील पहल इन बेसहारा बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में काफी सहायक होगी।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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