छ,ग कोरबा : कटघोरा वन मण्डल लगातार जिले में सुर्खियों में हैं वजह हैं जड़गा वनपरिक्षेत्र, यहां पर अभी पुटुवा में बने रहस्यमयी डेम की गुत्थी सुलझी ही नहीं थी कि एक और ताज़ा मामला इसी वन परिक्षेत्र अंतर्गत सामने आ रहा है जिसमें की वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों की निगरानी के लिए राजग्वालीन, पोंडी गोसाईं, मातीन पहाड़ के नीचे, तथा जड़गा वन परिक्षेत्र कार्यालय के पीछे वॉच टावर का निर्माण कराया तो गया लेकिन इन वॉच टावर के निर्माण में घटिया गुणवत्ता की वजह से ये अब पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. लेकिन बने वॉच टावर किस उपयोग से बनवाये गए यह भी एक चिंतनीय विषय है. स्थानीय ग्रामीणो की जानकारी अनुसार आज तक निर्माण के बाद कोई वन अमला इस वॉच टावर पर आया ही नहीं. और अब ये जर्जर हो चुके हैं लेकिन वन विभाग इनकी सुध लेने नहीं आ रहे है.
अब सवाल यह है कि इन स्थानों पर बनाये गए वॉच टावर की जर्जर अवस्था पर विभाग अनभिज्ञ क्यों हैं और इसका निर्माण किस ठेकेदार द्वारा करवाया गया जिसने इस कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया और कम अंतराल में ही ये जर्जर हो गए और जब इन वॉच टावर का उपयोग ही नहीं हुआ तो यह किसलिए बनवाये गए ..यह एक जांच का विषय है.
महज दो साल में ही जर्जर हुई बिल्डिंग की गुणवत्ता पर कई संदेह..
कटघोरा वनमण्डल के कसनिया डिपो में बने 2019-20 में एक नवनिर्मित बिल्डिंग काष्ठगार अधिकारी कार्यालय महज़ कुछ महीनों में ही जर्जर अवस्था का रूप ले रही है. लाखों की लागत से बने इस कार्यालय के निर्माण में ठेकेदार द्वारा घटिया गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग कर लाखों की चपत लगा इस बिल्डिंग का निर्माण कराया गया है डिपो प्रभारी की देखरेख में बने इस बिल्डिंग की दुर्दशा भी संदेह के दायरे में आती है. भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े इस बिल्डिंग की गुणवत्ता की जांच कर संबंधित ठेकेदार व डिपो प्रभारी पर उचित कार्यवाही की जानी चाहिए .
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अब सवाल यह है कि इन स्थानों पर बनाये गए वॉच टावर की जर्जर अवस्था पर विभाग अनभिज्ञ क्यों हैं और इसका निर्माण किस ठेकेदार द्वारा करवाया गया जिसने इस कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया और कम अंतराल में ही ये जर्जर हो गए और जब इन वॉच टावर का उपयोग ही नहीं हुआ तो यह किसलिए बनवाये गए ..यह एक जांच का विषय है.
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महज दो साल में ही जर्जर हुई बिल्डिंग की गुणवत्ता पर कई संदेह..
कटघोरा वनमण्डल के कसनिया डिपो में बने 2019-20 में एक नवनिर्मित बिल्डिंग काष्ठगार अधिकारी कार्यालय महज़ कुछ महीनों में ही जर्जर अवस्था का रूप ले रही है. लाखों की लागत से बने इस कार्यालय के निर्माण में ठेकेदार द्वारा घटिया गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग कर लाखों की चपत लगा इस बिल्डिंग का निर्माण कराया गया है डिपो प्रभारी की देखरेख में बने इस बिल्डिंग की दुर्दशा भी संदेह के दायरे में आती है. भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े इस बिल्डिंग की गुणवत्ता की जांच कर संबंधित ठेकेदार व डिपो प्रभारी पर उचित कार्यवाही की जानी चाहिए
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