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छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में गरज-चमक के साथ जमकर बरसेंगे बादल, हैवी रेन का अलर्ट जारी

अच्छी बारिश का पूर्वानुमान था, लेकिन प्रदेश में बादल ज्यादा नहीं बरसे। राजधानी में तो हल्की बारिश हुई और ज्यादातर इलाकों में फुहारें ही पड़ीं। मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर में पिछले 24 घंटे में 1.5 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। बारिश नहीं होने से उमस वाली समस्या दूर नहीं हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 12 से 14 जुलाई तक दक्षिण छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश के आसार है। रायपुर में भी बारिश हो सकती है।

आज बस्तर संभाग और उससे लगे जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बालोद, जशपुर और बलरामपुर जिले में हैवी रेन का यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, 12 से 14 जुलाई तक दक्षिण छत्तीसगढ़ में एक-दो जगहों पर भारी बारिश की संभावना है।

राजधानी में उमस से लोग बेहाल है। पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई है। आसमान में बादल तो थे, लेकिन बरसे नहीं। इसलिए दिन का अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री पर पहुंच गया। यह सामान्य से 1.3 डिग्री ज्यादा था। वहीं न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री पर पहुंच गया। दिन व रात का तापमान सामान्य से अधिक रहने के कारण लोगों को उमस महसूस हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार एक चक्रवाती परिसंचरण अंदरूनी ओडिशा व आसपास बना हुआ है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 3.1 किमी है। एक अन्य सिस्टम कतरनी क्षेत्र का बना है। यह समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है। इसके कारण प्रदेश में व्यापक बारिश नहीं हो रही है।

पिछले 24 घंटे के दौरान बलरामपुर-रामानुजगंज में 91 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, सरगुजा जिले में 66 मिलीमीटर बारिश हुई। इसी तरह बीजापुर जिले में 50 मिलीमीटर, नारायणपुर में 30.3, बस्तर में 30.02, सूरजपुर में 28 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

पिछले 24 घंटे में कुसमी में 9 सेमी बारिश रिकार्ड की गई है। वहीं अंबिकापुर में 7, कुटरू में 5, नारायणपुर, करपावंड में 3, छोटे डोंगर, अभनपुर, कुनकुरी, बास्तानार में एक सेमी पानी गिरा। कई स्थानों पर इससे कम बारिश रिकार्ड की गई। बारिश से खेती के कार्यों में तेजी तो आई है, लेकिन कई स्थानों पर पर्याप्त पानी नहीं गिरने के कारण रोपाई नहीं हो पा रही है। इससे किसान हलाकान हो गए हैं।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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