रायपुर, 24 मई। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने सूरजपुर के एसपी को आईएएस रणबीर सिंह के खिलाफ 48 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कर सूचित करने कहा है। आयोग ने मुख्य सचिव को भी 7 दिन के भीतर आईएएस के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर सूचित करने को कहा है।
आयोग की ओर से रजिस्ट्रार अनु चौधरी ने सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा को भेजे गए पत्र में कहा है कि सूरजपुर में कलेक्टर के रूप में पदस्थ रहे आईएएस रणबीर शर्मा के खिलाफ उन्हें शिकायत मिली है कि 22 मई को एक 13 वर्ष के बालक के साथ उन्होंने तब मारपीट की जब वह लॉकडाउन के दौरान दवाई लेने के लिए सडक़ पर निकला था। बालक ने बाहर निकलने का कारण बताना चाहा लेकिन शर्मा ने सार्वजनिक स्थल पर उससे मोबाइल छीना और थप्पड़ मारे। यही नहीं पुलिस को उसने बालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया।
यह घटना बालक के साथ शारीरिक और मानसिक दुव्र्यवहार व प्रताडऩा की श्रेणी में है। यह कृत्य किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अलावा आईपीसी के सेक्शन 166 323 325 352 355 और 506 के तहत दंडनीय अपराध है। उक्त अधिकारी द्वारा 13 साल के एक अन्य बालक को भी मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया गया, जो अपने पिताजी के लिए दवाई लेने के लिए लॉक डाउन के दौरान निकला था।
आयोग ने पुलिस अधीक्षक से कहा है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की तत्काल जांच शुरू की जाए और अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियंक कानूनगो ने इसी मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और आईएएस के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए निर्देश देने और शासकीय सेवा में निर्धारित प्रावधान के अनुरूप गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और जुनाइल जस्टिस एक्ट के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई कर 7 दिन के भीतर सूचित करने कहा है।
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