सूरजपुर। शनिवार को युवक को थप्पड़ मारने वाले कलेक्टर रणबीर शर्मा पहले भी कई विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे हैं। अब उनके खिलाफ IAS एसोसिएशन का भी गुस्सा फूटा है। अफसरों के इस संगठन की तरफ से सोशल मीडिया में एक पोस्ट के जरिए रणबीर शर्मा की हरकत की निंदा की गई है। एसोसिएशन की तरफ से लिखा गया है कि मुश्किल के इस दौर में एक IAS का व्यवहार जनता के प्रति बेहद जिम्मेदार होना चाहिए। इससे पहले CM भूपेश बघेल के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 2012 बैच के अफसर रणबीर शर्मा का स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया। उन्हें सूरजपुर कलेक्टर पद से हटाकर मंत्रालय में बुला लिया गया है। उन्हें यहां बिना विभाग के संयुक्त सचिव बनाया गया है।
IAS बनने के तीन साल बाद 10 हजार लेते पकड़े गए थे
साल 2012 में जनता की सेवा करने की शपथ लेकर रणबीर शर्मा IAS बने। जुलाई, साल 2015 की बात है, तब रणबीर शर्मा को कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में प्रशिक्षु IAS के तौर पर SDM बनाया गया था। जानकारी के अनुसार चौगेल में पदस्थ पटवारी सुधीर लकड़ा ने शिकायत की थी कि SDM रणवीर शर्मा जमीन के खरीद-फरोख्त मामले में जांच रोकने और कार्रवाई नहीं करने के लिए रकम की मांग कर रहे थे। शर्मा ने 40 हजार मांगे थे, 30 में डील डन हुई थी। इसकी जानकारी पटवारी ने ACB को दे दी थी।
तस्वीर सूरजपुर की है। कलेक्टर कोविड सेंटर का जायजा लेने गए थे।
तस्वीर सूरजपुर की है। कलेक्टर कोविड सेंटर का जायजा लेने गए थे।
ब्यूरो की टीम ने पटवारी को पूरी बात रिकॉर्ड करने टेप देकर भेजा। पटवारी ने पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपए SDM कार्यालय के चपरासी गणेश राम शोरी के माध्यम से शर्मा को पहुंचा दिए और बात रिकॉर्ड कर ली। पटवारी ने दूसरी किश्त के 10 हजार रुपए दोबारा चपरासी के हाथ SDM को भेजे। जैसे पैसे शर्मा के चेंबर में पहुंचे एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे पकड़ लिया। बाद में राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर के SDM के पद से हटाकर शर्मा को तब मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर पदस्थ किया गया।
साल 2014 की घटना के बाद दावा किया गया था कि गोली नहीं मारते तो भालू और जानें लेता। -सिंबॉलिक फोटो।
साल 2014 की घटना के बाद दावा किया गया था कि गोली नहीं मारते तो भालू और जानें लेता। -सिंबॉलिक फोटो।
जब भालू पर चलवाई गोली
साल 2014 में रणबीर शर्मा ने जंगली भालू को गोली मरवा दी थी। तब वो पेंड्रा मरवाही इलाके में SDM थे। जनवरी 2014 में ग्राम भर्रीडांड निवासी युवक भूपेंद्र सिंह लाश मिली थी। जानकारी है कि ये भालू के हमले में मारा गया था। ग्रामीणों ने पुलिस और वन विभाग को जानकारी दी। देर रात भालू उसी शव के पास आया और उसे खाने लगा। ग्रामीण वहां से भाग गए मगर इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही कुछ और लोगों पर भालू ने हमला किया था। तब सूचना पर SDM रहे IAS रणबीर शर्मा वहां पहुंचे। साथ में पुलिस भी थी, भालू को जब खदेड़ा नहीं जा सका तो शर्मा के आदेश पर पुलिस ने इंसास राइफल से भालू पर फायरिंग की और वो वहीं मर गया।
रणबीर शर्मा के बारे में कुछ कर्मचारी बताते हैं कि वो गुस्सैल स्वभाव के हैं।
रणबीर शर्मा के बारे में कुछ कर्मचारी बताते हैं कि वो गुस्सैल स्वभाव के हैं।
वाइल्ड एनिमल प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत टाइगर, पैंथर, भालू की जान लेने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इन जानवरों के आदमखोर होने की दशा में भी PCCF वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बिना जान नहीं ली जा सकती। इस बारे में बेहद कड़े नियम हैं। गोली मारने के पहले निर्देश हैं कि पहले वन्य प्राणी को जाल में फंसाकर या बेहोश करने वाली गन का इस्तेमाल कर काबू में करने का प्रयास किया जाए। पेण्ड्रा में ऐसा प्रयास करने का सोचा भी नहीं गया। तब वन विभाग के प्रमुख PCCF रामप्रकाश ने कहा था कि रिपोर्ट में यदि यह प्रमाणित हो गया कि भालू को जीवित पकड़ना संभव था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस बयान बाद शर्मा अलग-अलग पदों पर रहते चले गए, अंदाजा लगाया जा सकता है कार्रवाई के नाम पर क्या हुआ होगा।
शनिवार को कलेक्टर की ये तस्वीर पूरे देश में वायरल हो गई।
शनिवार को कलेक्टर की ये तस्वीर पूरे देश में वायरल हो गई।
थप्पड़ कांड के बाद इमोशनल माफी- मेरी मां को कोरोना है
अपने ताजा थप्पड़ कांड के बाद अब सूरजपुर कलेक्टर IAS रणबीर शर्मा ने माफी मांगी है। दोपहर में इनका एक हाथ जेब में डालकर सड़क पर मिले युवक का फोन तोड़कर उसे झापड़ मारने का वीडियो जब देश में वायरल हुआ तो रात में उदास चेहरा लिया एक वीडियो में रणबीर ने खुद बनाया। इसमें वो दुखी होकर माफी मांग रहे हैं। कह रहे हैं- सूरजपुर जिले में स्थिति खराब है, मैं और मेरे माता-पिता दोनों कोविड संक्रमित हो गए थे। मैं पॉजिटिव नहीं हूं, इस वक्त मेरी मां पॉजिटिव हैं। कोविड होने के बाद आदमी के शरीर पर जो बीतती है, मैं समझ सकता हूं।
खुद और अपने परिवार के लोगों के संक्रमित होने की बात कहकर कलेक्टर ने माफी मांगी।
खुद और अपने परिवार के लोगों के संक्रमित होने की बात कहकर कलेक्टर ने माफी मांगी।
रणबीर आगे कहते हैं मेरा और छत्तीसगढ़ के सरकारी अमले का प्रयास है कि लोग लॉकडाउन का पालन करें। एक साल से मैं और प्रदेश का पूरा सरकारी अमला रात दिन मेहनत कर रहे हैं। आज की घटना के प्रति मुझे खेद है मैं माफी मांगता हूं, जिसका वीडियो है वो युवक बाइक पर जा रहे थे, वहां मैं मौजूद था । हमने जब उसे रोका तो वो रुके नहीं हमें चोट लगने का डर था। वो वैक्सीनेशन कराने जा रहा हूं कहकर पर्ची दिखाने लगे मगर पर्ची वैक्सीनेशन की नहीं थी, फिर उसने दादी को देखने जाने की बात कही, उसने बदतमीजी की ताे मैंने आवेश में आकर चांटा मारा दिया। मैं अपने इस व्यवहार के लिए माफी मांगता हूं
जन जन की आवाज़