कोरोना के साथ डेंगू का कहर,, फौजी जवान की मौत…

Bhilai/भिलाई। कोरोना के बाद अब डेंगू और मलेरिया का खतरा मंडराने लगा है। बारिश की शुरुआत में ही टाउनशिप के सेक्टर-4 में डेंगू का एक मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा UP से लौटे अर्ध सैनिक बल के जवान में मलेरिया के लक्षण मिले हैं। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।

दुर्ग CMHO डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि डेंगू के मरीज को भिलाई स्टील प्लांट (BSP) के सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही 500 घरों का सर्वे व टेमीफोस दिया गया है और काउंसलिंग भी की गई है। अभी कोई और मरीज उस क्षेत्र में नहीं मिला है।

भिलाई शहर में साल 2018 में 1200 डेंगू के मरीज मिले थे। इनमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल थे। हालांकि, तीन सालों में डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी आई है।

टेमीफोस दवा का कूलर आदि में मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा एक सप्ताह तक ही प्रभावी रहती है। इसके बाद दोबारा दवा डालने की जरूरत पड़ती है। यदि ऐसा न हो, तो मच्छरों की उत्पत्ति शुरू हो जाती है। निगम के अधिकारियों के अनुसार, कूलर आदि में नई दवा के इस्तेमाल से तीन सप्ताह (21 दिन) तक मच्छरों की। उत्पत्ति नहीं हो सकती। इस लिहाज से दवा मच्छरों की रोकथाम में ज्यादा कारगर है।

जिले के CMHO डॉ गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि यूपी से आए अर्द्ध सैनिक बल के जवान को डेंगू नहीं फाल्सीपेरम मलेरिया हुआ है। डेंगू के कंफर्मेट्री जांच से इसकी पुष्टि हुई है। पहले डेंगू सस्पेक्टेड मरीज माना जा रहा था। इससे पहले एक और मरीज खुर्सीपार में मिल चुका है। जिससे जिले को मलेरिया मुक्त का दावा फेल हो गया है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने मच्छरों को खत्म करने के लिए फॉगिंग मुहिम को शुरू किया है।

कैसे और कब होता है डेंगू-

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है। मच्‍छर के काटे जाने के करीब 35 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।

इस तरह से फैलता है डेंगू-

डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है, तो वह उसका खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

इसके अलावा इस समय कोरोना के कारण लोगों की इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो खतरा ज्यादा है। भिलाई टाउनशिप में हर साल डेंगू के मरीज मिलते है। डेंगू के लार्वा पनपने का अनुकूल मौसम जुलाई माना गया है। लेकिन कूलर व पानी के ठहराव के कारण नमी की वजह से लार्वा किसी भी मौसम में पनपने लगता है। यहीं वजह से कि साल 2019 में 119 मरीज और साल 2020 में करीब 4 मरीज मिले थे। और इस साल अभी तक एक मरीज की पुष्टि हो चुकी है।

जिला प्रशासन ने स्प्रे व फॉगिंग रोटेशन में करते रहेंगे,साथ ही डोरटूडोर सर्वे भी होगा। एंटी लार्वा कैमिकल घर-घर बांटी जाएंगी। खुले में पड़े टायर,जूते आदि हटाए जाएंगे, ताकि संक्रमण न फैले। संक्रमित क्षेत्रों में बुखार के मरीज तलाशेंगे, तत्काल जांच की जाएंगी। शनिवार व रविवार को कूलर खाली कराने के लिए मुहिम चलाई जाएगी।