HomeUncategorizedकोरोना काल…कितना घातक साबित हो सकता है सेल्फ मेडिकेशन?

कोरोना काल…कितना घातक साबित हो सकता है सेल्फ मेडिकेशन?

कोरोना काल…कितना घातक साबित हो सकता है सेल्फ मेडिकेशन?

रायपुर:  कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के केस लगातार बढ़ रहे हैं, साथ ही, बुखार, खांसी और जुकाम से पीड़ित लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में, कोरोना टेस्ट कराने पर पॉजिटिव आने के डर से हजारों लोग सेल्फ टेस्टिंग किट के जरिए खुद की जांच कर रहे हैं और सेल्फ मेडिकेशन का सहारा ले रहे हैं। ऐसे लोगों का रिकॉर्ड शासन-प्रसासन के पास भी नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसे गंभीरता से लेते हुए दुकानदारों को कोविड सेल्फ टेस्ट किट खरीदने वालों की जानकारी रखने का निर्देश जारी किया है। अब सवाल ये है कि जो लोग सेल्फ टेस्टिंग किट से कोविड जांच कर रहे हैं, वो सुपर स्प्रेडर बनकर लोगों को संक्रमित कर रहे हैं? उससे भी बड़ा सवाल ये है कि कोरोना का सेल्फ मेडिकेशन कितना घातक साबित हो सकता है?

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई मेडिकल कंपनियों ने लोगों की सुविधा के नाम पर सेल्फ एंटीजन टेस्ट किट बाजार में उतारा। लेकिन अब यही किट स्वास्थ्य विभाग के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। किसी भी मेडिकल स्टोर्स और ऑनलाइन साइट्स पर आसानी से उपलब्ध सेल्फ टेस्टिंग किट लोग ऑर्डर कर घर पर मंगवा रहे हैं, और खुद ही कोविड टेस्ट कर रहे हैं। आबीसी24 की पड़ताल में सामने आया कि इसके लिए अभी तक कोई नियम शासन-प्रशासन की तरफ से नहीं बनाया गया है, जिसका फायदा कुछ लोग उठा रहे हैं। इसके अलावा सरकारी पाबंदियों से बचने के लिए पॉजिटिव होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं दे रहे और कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन कर रहे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अब ऐसे लोगों को लेकर गंभीर हो गया है, उसने मेडिकल स्टोर्स को आदेश जारी कर सेल्फ कोविड-19 एंटीजन टेस्ट किट खरीदने वालों की जानकारी मांगी है। जबकि दवा कारोबारियो के मुताबिक प्रदेश में प्रतिदिन डेढ़ से 2 हजार टेस्ट किट मेडिकल स्टोर्स से बिक रहे, जो ऑनलाइन खरीदी की तुलना में कहीं कम हैं। रायपुर रजिस्टेंस केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कृपलानी का कहना है कि आदेश मिलने के बाद सभी दुकानदार इसका डाटा रख रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को ऑनलाइन डाटा की भी व्यवस्था करनी चाहिए।

 सेल्फ टेस्टिंग खरीदने वालों से बात की तो वो सिस्टम को ही कोसते नज़र आए, लोगों का साफ कहना था कि भीड़भाड़ से बचने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि लोग सेल्फ टेस्ट किट से जांच के बाद कोविड गाइडलाइन का पालन करते हैं, बल्कि एक बड़ा वर्ग पॉजिटिव आने के बाद शासन-प्रशासन को जानकारी नहीं दे रहा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसे लोगों का कोई डाटा नहीं है। यानी साफ है कि ये लोग सुपर स्प्रेडर बन कर दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर रहे है। वहीं एक्सपर्ट का भी मानना है कि सेल्फ टेस्ट किट ICMR द्वारा एप्रूव्ड है। लेकिन सही तरीके से जांच नहीं करने पर रिपोर्ट में गड़बड़ी की संभावना ज्यादा रहती है। अधिकतर लोग लक्षण होने के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद खुद को सामान्य मान लेते हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है।

बहरहाल कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों का कोविड सेल्फ टेस्ट किट का इस्तेमाल और फिऱ पॉजिटिव आने पर सेल्फ मेडिकेशन बेहद घातक साबित हो सकता है। याद रखिए कोरोना के खिलाफ जारी जंग में हमें साझा प्रयास से ही जीत मिलेगी। अगर आप नियमों का उल्लंघन करते हैं तो, ये समझ लीजिए..अपने लिए आप एक नई मुसीबत को न्योता भेज रहे हैं।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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