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कोरबा: सर्दी-खासी-बुखार के मरीजों की पहचान के लिए दो लाख से अधिक घरों का सर्वे, 6615 लोगों में हुई कोरोना संक्रमण की पुष्टि

 

कोरबा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए एक्टिव सर्विलेंस टीम द्वारा घर-घर पहुंचकर कोरोना के संदिग्ध लक्षण वाले लोगों की पहचान की जा रही है। सर्वे दल द्वारा घर-घर जाकर लोगों से सर्दी, खांसी, बुखार जैसे कोविड वाले लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। अभी तक जिले की एक्टिव सर्विलेंस टीमें दो लाख 15 हजार 553 घरों तक पहुंच चुकी है। सर्वे के दौरान जिले में 24 हजार 707 लोग कोविड जैसे लक्षणोंयुक्त पाये गये। इनमें से सात हजार 688 लोग उच्च जोखिम वाले और 17 हजार 019 सामान्य लक्षण वाले मिले हैं। कोरोना संदिग्ध लोगों की एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट के माध्यम से कोरोना जांच की गयी। जांच रिपोर्ट में पांच हजार 276 लोग एंटीजन टेस्ट में कोरोना पाॅजिटिव पाये गये तथा एक हजार 339 लोगों की कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से प्राप्त हुई। सर्वे के दौरान कुल छह हजार 615 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। सर्वे के दौरान ही 23 हजार 874 लोगों को कोरोना से बचाव के लिए दवाईयों के किट भी वितरित किये गये हैं।

सर्वे दल को दें अपने स्वास्थ्य की सही जानकारी, समय पर ईलाज के साथ संक्रमण फैलने से भी रोकने में बनें भागीदार -कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने लोगों से सर्वे दल को अपने स्वास्थ्य की सही जानकारी देने की अपील की है। कलेक्टर ने कहा कि घर-घर सर्वे कोविड के सामुदायिक संक्रमण को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण अभियान है। उन्होंने कहा कि इस सर्वे में लोगों की स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलने पर जांच के बाद कोरोना पाजिटिव लोगों की पहचान समय पर हो सकेगी। जिससे संक्रमितों को कम संक्रमण की स्थिति में ही बेहतर ईलाज से ठीक किया जा सकेगा और दूसरे लोगों में भी संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा। कलेक्टर ने घर-घर पहुंचने वाले सर्वे दल को सर्दी, खांसी, बुखार तथा गंभीर बीमारी के बारे में सही-सही जानकारी देने की लोगों से अपील की है।

दो हजार से अधिक सर्विलेंस टीमों द्वारा घर-घर सर्वे– घर-घर भ्रमण कर सर्वे करने वाली दो हजार 085 एक्टिव सर्विलेंस टीम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम तथा बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं। कोरोना सर्वे टीमों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है। सर्वे टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्वे कर लक्षणयुक्त मरीजों की जानकारी ली जा रही है। लक्षणयुक्त मरीजों की जानकारी सेक्टर स्तर पर एकत्रित की जा रही है। इसके लिए सेक्टर स्तर के प्राचार्य और डाटा एंट्री आपरेटर की ड्यूटी लगाई गई है। सर्वे के दौरान पाये गये लक्षणयुक्त मरीजों का एन्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने पर भी लक्षणयुक्त संदिग्ध लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है। घर-घर जाकर लोगों में बुखार सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, दस्त तथा उल्टी होना एवं सूंघने अथवा स्वाद की शक्ति का अहसास न होने जैसे लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्षणात्मक व्यक्तियों की जांच की व्यवस्था भी की गई है। जांच के लिये व्यक्तियों की संख्या अधिक होने पर उच्च जोखिम समूह वाले लोगों जैसे 60 वर्ष से अधिक, गर्भवती महिला, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज से ग्रसित व्यक्ति, कैंसर अथवा किडनी रोग वाले, टी.बी. रोग, सिकल सेल तथा एड्स के मरीजों की पहले जांच कराई जा रही है

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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